देश में फैलते साइबर अपराध पर सीबीआई ने चलाया ऑपरेशन चक्र थ्री, 43 ठग गिरफ्तार

गुरुग्राम की साइबर सिटी फेज - 2 से नियंत्रित किया जा रहा था ठगी का ये गोरखधंधा, फैला है दिल्ली एनसीआर में जाल. अमेरिका और अन्य देशों के नागरिकों को बनाते हैं निशाना. FBI और इंटरपोल की सूचना पर सीबीआई ने की कार्रवाई.

Update: 2024-07-27 02:53 GMT

Cyber Fraud: देश में फैलते साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने की कवायद में सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र 3 के तहत बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दिल्ली, गुरुग्राम, नॉएडा समेत एनसीआर की 7 जगहों पर छापेमारी करते हुए 43 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये करवाई FBI और इंटरपोल के इनपुट पर की गयी. इस दौरान सीबीआई को गुरुग्राम की DLF साइबर सिटी फेज - 2 से कॉल सेंटर के संचालन का पता चला. आरोप है कि ठगी का ये गोरखधंधा यहीं से ऑपरेट किया जा रहा था, जहाँ से अमेरिका समेत अन्य देशों के नागरिकों के साथ साइबर फ्रॉड किया जा रहा था. सीबीआई का दावा है कि जाँच में ये बात सामने आई है कि ठगी से हो रही कमाई का पैसा कई देशों से होते हुए हांगकांग पहुँचाया गया है. सूत्रों का कहना है कि इस ठगी में चीन से तार भी जुड़ रहे हैं.


ऑपरेशन च्रक-3
सीबीआई के अनुसार इस पूरी कार्रवाई को ऑपरेशन चक्र-3 के तहत अंजाम दिया गया. ये सारा फर्जीवाड़ा एक कॉल सेंटर की आड़ में किया जा रहा था, जो वर्ष 2022 से जारी था. इस पूरे फर्जीवाड़े का नेटवर्क कई देशों में फैला हुआ था. एफबीआई और इंटरपोल ने सटीक इनपुट दिया, जिसके बाद सीबीआई के इंटरनैशनल ऑपरेशन डिवीजन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोद्खाधादी आदि से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

गुरुग्राम से कंट्रोल किया जा रहा था ठगी का ये धंधा
सीबीआई का कहां है कि ठगी के इस धंधे को दिल्ली एनसीआर के कई हिस्सों में ऑपरेट किया जा रहा था लेकिन इस सभी हिस्सों में सक्रिय जितने भी ठग हैं वो गुरुग्राम से ही नियंत्रित किये जा रहे थे. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि ये सारी कार्रवाई कई दिनों की मेहनत के बाद अंजाम दी गयी. कई जगहों पर सीबीआई की विभिन्न टीमों ने जाकर निगरानी की, चीजों को पुख्ता किया.

ये हुई बरामदगी
सीबीआई के अनुसार छापेमारी के दौरान लाइव साइबर आपराधिक गतिविधियों में शामिल आरोपियों को पकड़ा गया. जांच टीम ने मौके से 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद किये हैं, जो इस साइबर अपराध को सिद्ध करने में मददगार साबित हो सकते हैं. सीबीआई ने वो ट्रांसक्रिप्ट भी बरामद की हैं, जिन्हें पीड़ितों से फोन पर बात करते हुए इस्तेमाल किया जाता था और उसी के आधार पर ठगी की जाती थी. कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी मिले हैं, जैसे ठगों और पीड़ितों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग, पैसों का आदान-प्रदान की डिटेल्स, पीड़ितों की लिस्ट आदि.

ऐसे करते थे ठगी
सीबीआई के अनुसार आरोपी पीड़ितों के कंप्यूटर में पॉप लिंक भेजते. उन्हें उस पर क्लीक करने के लिए कहते. लिंक पर क्लीक करते ही पीड़ित के कंप्यूटर पर वायरस डाउनलोड हो जाता. फिर ये ठग उस वायरस को हटाने के लिए पैसे की मांग करते थे. सीबीआई के अनुसार आरोपी ठग अमेरिकी और अन्य देशों के नागरिकों से अपनी पहचान छिपाते हुए संपर्क करते थे.


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