किसी अपने की अरेस्ट के बारे में आये कॉल तो न घबराये पुलिस से करें सम्पर्क

+29 सीरीज से आ रहे हैं ऐसे कॉल - अपनों की गिरफ्तारी की बात कह कर ठग रहे हैं मोटी रकम - पुलिस ने कहा साइबर फ्रॉड का नया तरीका - न करें पैसा ट्रान्सफर - पुलिस को दें सुचना

Update: 2024-05-14 05:31 GMT

साइबर फ्रॉड के मामले में देश भर में बढ़ते जा रहे हैं. यही वजह है की गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों की पुलिस हर जिले में साइबर पुलिस थाना खोलने का निर्देश दिया था. इसके बाद देश के लगभग हर राज्य के हर जिले में साइबर पुलिस थाना खुल भी गया है, लेकिन इसके बावजूद साइबर अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. साइबर अपराधी इतने शातिर हैं कि वो हर दिन कोई नया झांसा देकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक नया तरीका है कॉल करके लोगों को डराना कि उनके परिवार का कोई अपना गिरफ्तार होने की कगार पर है, बचाना है तो पैसा दे दो. ख़ास बात ये है कि ऐसी कॉल +29 सीरीज से आता है.

क्या है मोडस ओपेरेंडी

पुलिस के अनुसार ये साइबर सकाम का एक नया तरीका है. इसमें ठग व्हाट्सएप कॉल करते हैं. जिस नम्बर से वो कॉल करते हैं वो +29 सीरीज से शुरू होता है. इसके अलावा जिस नंबर से कॉल आती है उसके प्रोफाइल फोटो पर पुलिस/क्राइम ब्रांच/ईडी/सीबीआई आदि एजेंसी का लोगो लगा होता है. यही वजह भी है कि लोग उस अनजान नबर से आने वाले कॉल को भी उठा लेते हैं. जैसे ही फोन उठता है कॉलर खुद का परिचय किसी भी जाँच एजेंसी का अधिकारी के तौर पर देता है और फिर बातों बातों में फोन सुनने वाले व्यक्ति को प्रभाव में ले लेता है. इसके बाद वो बोलता है कि आपका बेटा, भाई, चाचा, पिता आदि को पकड़ा हुआ है और उसे गिरफ्तार किया जा रहा है. अगर उसे छुड़ाना चाहते हो तो तुरंत रकम भेजो. फोन सुनने वाले को इतना समय भी नहीं दिया जाता कि वो किसी से कुछ पूछ भी सके. उसे इतना डरा दिया जाता है कि वो तुरंत ही पैसा भेज देता है. पुलिस का कहना है कि ये तरीका कहीं न कहीं साइबर अरेस्ट से मिलता जुलता है.

छत्तीसगढ़ में इस तरह के कई मामले सामने आये हैं

+29 सीरीज वाले नम्बर से आने वाली कॉल सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में की जा रही हैं. ही वजह भी है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने वहां की जनता से ये अपील भी की है कि ऐसे किसी भी कॉल से घबराये नहीं. +29 सीरीज भारत देश की नहीं है. ये विदेश की है और बहुत संभव है कि ये इन्टरनेट कॉल प्रॉक्सी सर्वर की मदद से की जा रही हो.

कोई भी सरकारी एजेंसी ऐसे कॉल नहीं करती

पुलिस का ये भी कहना है कि कोई भी जाँच एजेंसी इस तरह से कॉल कर पैसे की डिमांड नहीं करती है. अगर ऐसा कोई कॉल आता है तो सतर्क हो जाएँ और बिना घबराये अपने विवेक से काम लें. फिर जिस भी व्यक्ति की गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है उसे फोन कर सुनिश्चित करें. इसके बाद पुलिस को या साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर जानकारी दें.

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