धर्मस्थल में दफन रहस्य, गवाह ने खोले 15 साल पुराने राज

कर्नाटक का धर्मस्थल दफन मामला नया मोड़ लेता दिखा जब एक गवाह ने नाबालिग की हत्या का दावा किया। SIT को अवशेष मिले हैं और जांच में पुलिस अफसरों की भूमिका पर भी सवाल है।;

Update: 2025-08-03 09:04 GMT

कर्नाटक के धर्मस्थल में सामूहिक अवैध दफन मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। शनिवार (2 अगस्त) को दक्षिण कन्नड़ ज़िले के इचलमपडी गांव के एक दूसरे चश्मदीद गवाह, जयंथ टी, ने बेल्थंगडी में विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष गवाही दी और 15 साल पुराने मामले में एक नाबालिग लड़की की रहस्यमयी हत्या का खुलासा किया।

गवाह का दावा: हत्या को दबाया गया

जयंथ ने SIT को बताया कि उसने धर्मस्थल गांव में 13 से 15 वर्ष की आयु की एक लड़की का सड़ा-गला शव देखा था, जिसकी मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक सप्ताह बाद पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई थी, लेकिन न तो पोस्टमार्टम कराया गया और न ही कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज हुई।

जयंथ ने कहा, "यह एक हत्या थी, जिसे जानबूझकर दबाया गया। मैं SIT को वह स्थान दिखा सकता हूं, जहां शव को दफनाया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि धर्मस्थल गांव में कई अवैध दफनाएं की गईं, जिनकी उन्हें प्रत्यक्ष जानकारी है।

गांव में फैला डर, अब टूटी चुप्पी

जयंथ के अनुसार, "इन घटनाओं के बारे में गांव के कई लोग जानते थे, लेकिन डर के कारण कोई सामने नहीं आता। SIT बनने के बाद उस डर में कमी आई है। अब मुझे भरोसा है, इसलिए मैंने यह बयान दर्ज करवाया है।"उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि उनकी रिश्तेदार पद्मलता के मामले की जांच भी की जाए, जो मृत किशोरी की मौत की गवाह रही थीं।

नेत्रवती नदी के किनारे खुदाई जारी, एक जगह से मिले कंकाल

SIT फिलहाल नेत्रवती नदी के किनारे चिन्हित 15 स्थलों पर खुदाई कर रही है। अब तक साइट नंबर 6 से 15 हड्डियों के टुकड़े बरामद हुए हैं, लेकिन खोपड़ी नहीं मिली है। प्रारंभिक फॉरेंसिक जांच में इन अवशेषों को पुरुष का बताया गया है। अन्य आठ स्थलों में से सात पर अब तक कुछ भी नहीं मिला।

शनिवार को साइट नंबर 9 और 10 पर खुदाई की गई, लेकिन वहां से कोई कंकाल अवशेष नहीं मिले। इन खुदाइयों के दौरान, एक पैन कार्ड और एक डेबिट कार्ड भी बरामद हुए, जो बेंगलुरु के पास नेलमंगला की सिदालक्षम्मा और उनके बेटे सुरेश के नाम के थे। जांच में पता चला कि सुरेश की मौत शराब की लत के कारण हुई थी और ये कार्डें करीब पांच साल पहले धर्मस्थल में खो गई थीं।

SIT को मिला नया गवाह, आरोपी पुलिसकर्मी की जांच शुरू

जांच में अब एक नया मोड़ यह है कि एक SIT अधिकारी मंजूनाथ गौड़ा पर गवाह को धमकाने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता का दावा है कि गौड़ा ने उन्हें बयान वापस लेने के लिए मजबूर किया और उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर बताने की कोशिश की।इसके खिलाफ शिकायतकर्ता के वकील ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। SIT अब इस अधिकारी से पूछताछ करने जा रही है।

कड़ी सुरक्षा, मोबाइल पर रोक

सभी खुदाई स्थलों पर भारी सुरक्षा तैनात है, खासकर साइट नंबर 6 पर। पुलिस, वन विभाग, राजस्व विभाग और फॉरेंसिक टीम के अधिकारी इस अभियान में शामिल हैं। मोबाइल फोन का इस्तेमाल केवल वरिष्ठ अधिकारियों को अनुमति है।

अज्ञात शिकायतकर्ता के आरोप से शुरू हुई जांच

यह पूरा मामला एक गुमनाम शिकायतकर्ता की शिकायत पर आधारित है, जो 1995 से 2014 तक धर्मस्थल में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करता था। उसने आरोप लगाया था कि उसे महिलाओं और नाबालिगों के शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया, जिन पर यौन शोषण के निशान थे। उसने इन दावों के समर्थन में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दर्ज कराया है।यह मामला न सिर्फ कर्नाटक बल्कि पूरे देश के लिए मानवाधिकार और कानून व्यवस्था की गंभीर चुनौती बनकर उभर रहा है। SIT की जांच से आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की संभावना है।

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