दिल्ली में ओडिशा की युवती से गैंगरेप, कई किलोमीटर खून से लथपथ अर्धनग्न अवस्था में चलती रही
दिल देहला देने वाली ये वारदात 11 अक्टूबर को राजघात और आईटीओ के बीच हुई थी. पीड़िता अर्धनग्न और लहूलुहान हालत में कई किलोमीटर दूर सराएकाले खां पहुंची. ताजुब की बात है कि उस समय हाई अलर्ट था, इसके बावजूद किसी पुलिस कर्मी की नजर पीड़िता पर नहीं पड़ी.
Gangrape in Delhi : दिल्ली में एक बार फिर से निर्भया जैसा निर्मम कांड सामने आया है, जिसने दिल्ली के डार्क पॉइंट को तो उजागर किया ही है बल्कि पुलिस की मुस्तैदी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले में फरक बस इतना ही है कि पीड़िता खतरे से बाहर है और उसकी जान बच गयी है लेकिन उसकी इज्जत बचाने की ज़िम्मेदारी जिस पुलिस विभाग पर थी, वो सोता रहा और पीड़िता लहुलुहान हालत में अर्ध नग्न अवस्था में कई किलोमीटर भटकती रही. बीच राह में शायद कहीं कोई ऐसा चौक चौराहा नहीं पड़ा, जहाँ पुलिस तैनात थी. पुलिस के पास इन सवालों के जवाब तो नहीं है, बस इतना जरुर है कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
क्या है मामला
ये मामला 11 अक्टूबर की रात का बताया गया है. मूलरूप से ओडिशा की रहने वाली युवती, पिछले कुछ समय से दिल्ली में अकेले रह रही थी. इस बीच 11 अक्टूबर की देर रात सेना के एक अधिकारी ने उसे अर्धनग्न अवस्था में लहुलुहान पाया. वो इधर उधर भटक रही थी. तुरंत ही पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया. वो बयान देने की हालत में नहीं थी लेकिन उसकी अवस्था ये चीख चीख कर बता रही थी कि उसके साथ क्या हुआ था. पीड़िता की बात करें तो उसने सोशल वर्क्स में मास्टर डिग्री की हुई है. उसने नुर्स की नौकरी छोड़ कर दिल्ली गरीबों की सेवा करने के लिए चुनी थी. यहाँ उसे अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाया गया था लेकिन नौकरी नहीं मिली तो जिस परिचित ने उसे बुलाया था, उसने युवती को जाने के लिए कहा. फिर वो किशनगढ़ में कुछ नन के पास रहने लगी और समाज सेवा करने लगी. यहाँ किसी कारण से वो अलग हो गयी और फिर वो पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में रहने लगी थी.
होश में आने पर बताई आप बीती
पीड़िता को जब अस्पताल में होश आया तो उसने बताया कि उसे एक ऑटो में किडनैप कर लिया गया था. फिर ऑटो के अन्दर ही तीन लोगों ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और उसे इस कदर प्रताड़ित किया कि वो लहुलुहान हो गयी. उसके कपड़े फाड़ दिए गए. जब लड़की से जगह के बारे में पता किया गया तो वो इलाका राजघाट और आईटीओ के बीच का पाया गया. सबसे हैरानी की बात ये कि उस समय नवरात्री का पर्व चल रहा था और पूरी दिल्ली में सिक्यूरिटी के नाम पर अलर्ट जारी था. दिल्ली पुलिस खुद हाई अलर्ट पर होने का दावा कर रही थी. लेकिन इस घटना ने इस हाई अलर्ट की ऐसी पोल खोली है कि लोगों के मन में अब यही प्रश्न उठ रहा है कि आखिर हाई अलर्ट के मायने क्या होते हैं?
हाई अलर्ट के बीच सड़क पर लूटती रही इज्जत
बकौल पीड़िता पहले उसे दो लोगों ने सड़क किनारे पकड़ा और खींच कर झाडी में ले गए, जहाँ उसके साथ दुष्कर्म किया गया. फिर एक ऑटो चालक ने ये सब देखा तो वो भी इस काम में शामिल हो गया हेयर तीनों उसे आईटीओ फिरोजशाह किले के पीछे सर्विस लेन में ले आये.यहाँ फिर यूज़ अपनी हवस का शिकार बनाया गया. क्या सड़क पर हाई अलर्ट के बीच पुलिस की कोई बैरीकैडिंग नहीं थी? क्या पुलिस की कोई गश्त नहीं थी? इसके बाद पीड़िता जिस हालत में राजघाट से सराए काले खां पहुंची तो इस दौरान भी पुलिस कहीं नहीं थी? इन सब वजहों से दिल्ली पुलिस पर सवाल ठाना लाज़मी है?
तीन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस का कहना है कि इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. शुरूआती जाँच में ( जब पीड़िता बयान नहीं दे पायी थी ) तो सराए काले खां इलाके के सीसीटीवी फुटेज चेक किये गए थे लेकिन वहां से उसके बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया था. बाद में जब आईटीओ और राजघाट की बात सामने आई तो फिर पुलिस जाँच में आरोपियों को लेकर जानकारी मिली तब जाकर उन्हने गिरफ्तार किया जा सका.