क्या हो सकती है असल वजह
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह से अतिरिक्त कार्यभार वापस लेने के पीछे अलग अलग वजह बतायी जा रही हैं. एक वजह ये मानी जा रही है कि बुधवार को जिस तरह से दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हमला किया गया, उसे लेकर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस के प्रति नाराज़गी जताई. सबसे पहले तो दिल्ली पुलिस से मुख्यमंत्री की सुरक्षा ज़िम्मा वापस लिया, जो पिछले दो दशक से भी लम्बे से समय से दिल्ली पुलिस के ही पास था. CRPF को CM की सुरक्षा में तैनात किया गया. सूत्रों का ये भी कहना है कि CM पर हुए हमले के बाद से दिल्ली पुलिस किसी न किसी तरह से ये दर्शाने के प्रयास में जुटी हुई थी कि उसकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं रही. CM जनता के बेहद नजदीक या जनता के बीच पहुँचती हैं, इसलिए हमलावर अपने इरादों में सफल रहा. अपनी सफाई में दिल्ली पुलिस ने ये भी कहा कि हमलावर के पास किसी तरह का कोई हथियार नहीं था. वो फरियादी के तौर पर आया था, इसलिए अन्दर प्रवेश कर गया.
क्या हुआ था अन्दर और पुलिस की लापरवाही क्यों ?
लेकिन घटनाक्रम पर नजर डाले तो प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी राजेश CM के नजदीक पहुँच गया था. उसने धीरे से कुछ कहा, रेखा गुप्ता ने उसकी बात सुनने के लिए जब अपने कान आगे बढ़ाये तो उसने मुख्यमंत्री को चांटा मार दिया. वो निचे गिर गयीं और फिर राजेश ने उनके बाल पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया. लगभग 1 से 2 मिनट तक ये सब हुआ. अब सवाल ये है कि CM रेखा गुप्ता को दिल्ली पुलिस की Z सुरक्षा प्राप्त थी. हमलावर ने जैसे ही हमला किया तत्काल सुरक्षा कर्मियों ने उसे काबू क्यों नहीं किया.
संसद सत्र के चलते देर से आया CP की नियुक्ति का आदेश
एक पक्ष ये भी है कि 21 जुलाई से दिल्ली में संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के रिटायरमेंट के समय संसद का सत्र चल रहा था, इसलिए गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त भार एसबीके सिंह को सौंप दिया था. आज संसद का सत्र समाप्त हुआ तो गृह मंत्रालय ने ये आदेश जारी कर दिया है.
कौन है IPS सतीश गोलचा
1992 बैच के IPS सतीश गोलचा CA भी हैं. उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करके IPS का पद हासिल किया. वो मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं लेकिन जब पंजाब में आतंकवाद बढ़ा तो उनका परिवार गुजरात शिफ्ट हो गया था. पुलिस में आने के बाद सतीश गोलचा दिल्ली में पश्चिमी जिले के डीसीपी रह चुके हैं. फिर संयुक्त आयुक्त रेंज भी. इसके अलावा 2020 में जब दिल्ली में दंगे हुए थे तो वो दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर के पद पर नियुक्त थे. गोलचा अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी भी रह चुके हैं. फिलहाल वो तिहाड़ जेल के महानिदेशक के पद पर तैनात थे.