नकली सरकारी भर्ती रैकेट ध्वस्त, दिल्ली पुलिस की IFSO की बड़ी कार्रवाई

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भर्ती के नाम पर देशभर के युवाओं को ठगने की साजिश नाकाम, फर्जी वेबसाइट और परीक्षा के जरिए हो रहा था करोड़ों का फ्रॉड।

Update: 2025-12-20 10:51 GMT
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Cyber Fraud : दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने एक बड़े और बेहद शातिर फर्जी सरकारी भर्ती रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह देशभर के बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर ठगने की तैयारी में था।


ASI के नाम पर फर्जी भर्ती अभियान

आरोपियों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), संस्कृति मंत्रालय के नाम पर 91 पदों की फर्जी भर्ती निकाली। इसमें 7 क्यूरेटर और 84 जूनियर असिस्टेंट के पद दिखाए गए थे।


नकली वेबसाइट, असली सरकारी जैसी

गिरोह ने ASI की हूबहू नकल करते हुए एक फर्जी वेबसाइट बनाई। इसमें सरकारी लोगो, रंग, लेआउट और भाषा तक असली वेबसाइट जैसी रखी गई, जिससे उम्मीदवारों को शक तक न हो।


सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई भर्ती

फर्जी भर्ती के लिंक को कॉलेज स्टूडेंट ग्रुप्स, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर जमकर फैलाया गया। कुछ छात्रों और बिचौलियों को इसके प्रचार के लिए पैसे भी दिए गए।


सैकड़ों आवेदन, सोच-समझकर की गई छंटनी

इस फर्जी पोर्टल पर सैकड़ों युवाओं ने आवेदन किया। इनमें से करीब 150 उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। आरोप है कि चयन में उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति तक पर नजर रखी गई।


जयपुर में कराई गई लिखित परीक्षा

विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आरोपियों ने जयपुर के एक नामी परीक्षा केंद्र में लिखित परीक्षा कराई। परीक्षा पूरी तरह सरकारी पैटर्न पर हुई, जिससे किसी को धोखाधड़ी का अहसास नहीं हुआ।


इंटरव्यू में वसूलनी थी मोटी रिश्वत

योजना के मुताबिक करीब 50% उम्मीदवारों को पास दिखाकर इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना था। यहीं उनसे नौकरी पक्की कराने के नाम पर भारी रिश्वत वसूली जानी थी।


इंटरव्यू से पहले IFSO का छापा

लेकिन इंटरव्यू शुरू होने से पहले ही दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने सटीक सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पूरे रैकेट को ध्वस्त कर दिया।


हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन, सख्त निगरानी

यह ऑपरेशन ACP विजय गहलावत की निगरानी में इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार के नेतृत्व में चलाया गया। साइबर निगरानी और तकनीकी विश्लेषण से आरोपियों को दबोचा गया।


मुख्य आरोपी और डेवलपर गिरफ्तार

मुख्य आरोपी कुलदीप (30), जयपुर निवासी है, जो B.Com पास और LL.B कर रहा है। दूसरा आरोपी पियूष (25), B.Tech (कंप्यूटर साइंस) है, जिसने फर्जी वेबसाइट बनाई।


डिजिटल सबूतों की बड़ी बरामदगी

आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर, आईपैड, टैबलेट और बैंक पासबुक बरामद की गई हैं।


देशव्यापी ठगी टली

दिल्ली पुलिस का कहना है कि समय रहते कार्रवाई नहीं होती, तो यह घोटाला देशभर में हजारों युवाओं को आर्थिक और मानसिक रूप से तबाह कर सकता था।


IFSO की बड़ी कामयाबी

DCP IFSO विनीत कुमार ने कहा कि यह कार्रवाई प्रोएक्टिव साइबर पुलिसिंग का उदाहरण है, जिसने एक बड़े राष्ट्रीय स्तर के भर्ती घोटाले को समय रहते रोक दिया।


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