गोवा नाइटक्लब हादसे पर कोर्ट से लुथरा ब्रदर्स को झटका, जमानत याचिका ख़ारिज
बचाव पक्ष के वकील बोले लूथरा बंधू भी इंसान हैं, लोगों को रोजगार देते हैं; भारत से 5000 करोड़ का घोटाला करके भागे नहीं हैं।
Luthra Brothers' Bail Plea : गोवा के ‘Birch by Romeo Lane’ क्लब के मालिकों में शुमार लूथरा ब्रदर्स को रोहिणी कोर्ट से झटका लगा है में लगी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद लूथरा बंधुओं की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है। गोवा के इस भीषण अग्नि कांड में 25 लोगों की मौत, जिनमें 20 कर्मचारी भी शामिल थे, के बाद इस केस की कानूनी लड़ाई दिल्ली की रोहिणी कोर्ट पहुंची। कोर्ट में अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान गोवा पुलिस और लुथरा ब्रदर्स के वकीलों के बीच लंबी, तीखी और विस्तार से भरी बहस हुई। बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में ये भी कहा कि मेरे क्लाइंट देश से 5 हजार करोड़ का घोटाला करके नहीं भागे हैं। उन्होंने लोगों को रोज़गार दिया है और वो पुलिस की जाँच में सहयोग करने को तैयार हैं।
गोवा पुलिस की दलील: लाइसेंस फर्जी, रात में टिकट बुक कर भागे, जांच से बचने की कोशिश
गोवा के वकील अभिनव मुखर्जी ने कोर्ट में कहा कि लुथरा ब्रदर्स ने खुद को महज़ “लाइसेंसी” बताया, लेकिन रिकॉर्ड इससे उलट कहता है।
लाइसेंस और दस्तावेज़ों पर गंभीर आरोप
क्लब का FSSAI लाइसेंस सौरव लुथरा ने खुद अप्लाई किया था।
Pollution Control Board लाइसेंस भी सौरव ने ही दिया था।
GST कार्ड में पार्टनर्स के रूप में सौरव लुथरा, गौरव लुथरा और अजय गुप्ता के नाम दर्ज हैं।
ट्रेड लाइसेंस 2023 में ही एक्सपायर हो चुका था।
पंचायत लाइसेंस भी नवीनीकृत नहीं किया गया था।
फायर डिपार्टमेंट के अनुसार बार के लिए कोई NOC नहीं ली गई थी और क्लब में एक ही एंट्री-एग्जिट था।
भागने का आरोप: आग लगने के डेढ़ घंटे बाद टिकट बुक
गोवा पुलिस ने कहा
हादसा 11:45 PM पर हुआ।
1:15 AM पर दोनों ने थाईलैंड की टिकट बुक कर ली।
सुबह Indigo की फ्लाइट से वे फुकेट रवाना हो गए।
“लोग मर रहे थे, क्लब जल रहा था और ये भाग गए” - गोवा पुलिस की तीखी टिप्पणी।
घरवालों ने भी जानकारी छुपाई
पुलिस जब दोनों के घर पहुंची तो इनकी
मां और पत्नी ने कहा कि “पता नहीं वे कहां हैं।”
उनके मोबाइल भी बंद मिले।
इसके आधार पर—
7 दिसंबर को LOC,
9 दिसंबर को इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट भी जारी किए।
गोवा पुलिस ने आरोप लगाया कि यह सब दिखाता है कि “जांच से बचने” की कोशिश की गई।
बचाव पक्ष की दलील: धमकियों से डरे, बदले की कार्रवाई हुई, भागे नहीं
लुथरा ब्रदर्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने विस्तृत तर्क दिए।
धमकियों का हवाला
तनवीर मीर बोले
“घटना दुखद है, लेकिन हादसे के तुरंत बाद मेरे क्लाइंट्स को मारने और जलाने की धमकियां मिलीं।”
“पूरी गोवा मशीनरी बदले की भावना से काम कर रही थी। दो रेस्टोरेंट पर बुलडोजर चला दिया गया।”
“ऐसी स्थिति में इंसान अपनी सुरक्षा के लिए ही भागता है।”
भागने के आरोप पर स्पष्टीकरण
“अगर फरार होते, तो कोर्ट में नहीं आते।”
“6 दिसंबर को ही ट्रैवल एजेंट को बिज़नेस मीटिंग के लिए टिकट बुक करने को कहा था।”
“गोवा पुलिस गलत कहती है कि फुकेट में हमारा कोई बिज़नेस नहीं—वहां बिज़नेस है।”
जांच में सहयोग की पेशकश
“हमें सिर्फ 2–3 दिन की ट्रांजिट एंट्रिम बेल चाहिए।”
“हमें जहां कहा जाएगा, वहां जाकर जांच में शामिल हो जाएंगे।”
“पासपोर्ट रद्द हुआ, नोटिस मिला, धमकियां मिल रहीं हैं, फिर भी वापस आने को तैयार हैं।”
मेडिकल इतिहास पर विवाद
गोवा पुलिस ने कहा कि
मेडिकल रिकॉर्ड “कॉस्मेटोलॉजी क्लिनिक” का है, बीमारी गंभीर नहीं।
बचाव पक्ष बोला
“अलग-अलग बीमारियां हैं, इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
अदालत में अहम मोड़
तनवीर मीर ने कोर्ट को बताया
“आज कोर्ट का जो भी आदेश हो, मेरे क्लाइंट भारत वापस आएंगे।”
दोनों पक्षों की लंबी बहस के बाद रोहिणी कोर्ट ने आदेश रिज़र्व कर लिया था। शाम 5:30 बजे अदालत ने अपना निर्णय सुनाते हुए गौरव और सौरभ लूथरा की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी।