दस साल पुराने केस में गैंगस्टर विकास लगारपुरिया MCOCA में दोषी करार
द्वारका कोर्ट ने हथियारबंद अपराध सिंडिकेट चलाने का दोषी ठहराया, पुलिस के दस्तावेजी सबूतों ने गवाहों के मुकरने के बाद भी केस मजबूत रखा।
Vikas Lagarpuriya Convicted : दक्षिण–पश्चिम दिल्ली की 10 दिसंबर 2025 की सुबह सामान्य नहीं थी। द्वारका कोर्ट परिसर में असामान्य सुरक्षा और पुलिस की हलचल इस बात का संकेत दे रही थी कि कुख्यात अपराधी विकास गुलिया उर्फ़ विकास लगरपुरिया के मामले में आज बड़ा फैसला आने वाला है। हुआ भी कुछ ऐसा ही। द्वारका कोर्ट में चल रहे दस साल पुराने संगठित अपराध के एक बड़े मामले में विशेष न्यायाधीश वंदना जैन ने कुख्यात गैंगस्टर विकास गुलिया उर्फ विकास लगरपुरिया को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) की धारा 3 के तहत दोषी करार दिया। अदालत ने धारा 4 के आरोप से उसे बरी तो किया, लेकिन फैसला साफ दिखाता है कि पुलिस द्वारा पेश किया गया संगठित अपराध का ढांचा अदालत के सामने साबित हो गया। सबसे अहम बात ये रही कि इस मामले में जो गवाह थे वो टूट गए लेकिन पुलिस ने जिस कदर ठोस कागज़ी कार्रवाई की थी, उसे अदालत ने माना और उनकी महत्वता को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के एक कुख्यात अपराधी को MACOCA के तहत दोषी करार दिया।
2022 में दुबई से गिरफ्तार कर लाया गया था भारत
विकास लगरपुरिया का नाम साल 2021 में गुरुग्राम के खेड़कीदौला टोल के नजदीक हुई कई करोड़ की लूट में भी सामने आया था। विकास लगरपुरिया ही इस वारदात का मास्टरमाइंड बताया गया था। इस वारदात के बाद वो दुबई फरार हो गया और लम्बे समय तक वहां छिपा रहा और वहीं से गैंग चलाता था। आखिरकार 2022 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल उसे दुबई से गिरफ्तार कर भारत लाई थी। उसका साथी धीरजपाल उर्फ काना भी मनोज मोरखेरी-लगरपुरिया गैंग का सक्रिय सदस्य है और दिल्ली के छावला डबल मर्डर केस समेत कई संगीन वारदातों में वांछित था। दोनों को मकोका में दोषी ठहराए जाने से यह पुलिस और अभियोजन की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।