अब तक 101 को बनाया था निशाना, डिजिटल अरेस्ट करने वाले जालसाज

डिजिटल अरेस्ट करने वालों के गिरोह का हरियाणा की पलवल पुलिस ने राजफाश किया है। यह गिरो अब तक 101 लोगों को अपना शिकार बना चुका था।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-20 06:00 GMT

Digital Arrest:  अपराध की दुनिया में अब डिजिटल अरेस्ट की चर्चा आम है। पुलिस अधिकारी,वकील और जज बनकर जालसाज लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। खास बात ये कि इनके निशाने पर चाहे आम लोग हों या खास हर कोई है। आप कितने भी समझदार, पढ़े लिखे क्यों ना हो इनकी जाल में फंस सकते हैं। मन की बात कार्यक्रम में खुद पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी एजेंसी फोन पर पूछताछ नहीं करती। अगर कोई फोन इस तरह से आए तो घबराएं नहीं। बावजूद डिजिटल अरेस्ट के केस सामने आ रहे हैं। हालांकि इन सबके बीच हरियाणा की पलवल पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसने डिजिटल अरेस्ट के जरिए 101 लोगों के साथ ठगी की थी। 

आरोपियों का यूपी-एमपी से नाता
पलवल पुलिस ने यूपी और एमपी के अलग अलग जिलों से 11 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इन जालसाजों ने पीड़ितों से करीब 70 करोड़ की ठगी की थी। फिलहास चार को जेल भेज दिया गया और बाकी सात से पूछताछ की जा रही है। पुलिस के मुताबिक कुछ ग्रेजुएट हैं। इनके पास से कुल 31 मोबाइल, पांच डेबिट कार्ड, आठ चेकबुक, चार लग्जरी कार के अलावा 9 लाख रुपए मिले हैं। अब ये आरोपी कैसे पकड़े गए यह भी दिलचस्प है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों मे न्यू पलवल के रहने वाले अनिल नाम के एक शख्स को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर करीब 88 लाख रुपए ऐंठे। पीड़ित को 19 अक्टूबर को अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले खुद की सीबीआई का अधिकारी बता मनी लॉन्ड्रिंग का जिक्र किया। इस अपराध में शामिल होने की बात की। अपराध का भय दिखा पीड़ित से पैसे ऐंठ लिए।

चीनी नागरिक भी शामिल

पलवल पुलिस का कहना है कि 23 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई गई। जांच के दौरान आरोपियों का ठिकान यूपी और मध्य प्रदेश के जिलों में मिला। दबिश दे कर उनकी गिरफ्तारी की गई। पुलिस का कहना है कि इस गैंग में कुछ चीनी नागरिक भी शामिल हैं। एक चीनी नागरिक फेंग चेनजिन की गिरफ्तारी हुई है। खास बात यह है कि भारत में डिजिटल अरेस्ट में शामिल आरोपियों को करीब 100 करोड़ का टारगेट दिया गया था। गिरोह में काम करने वालों को रकम के मुताबिक हिस्सेदारी साझा की जाती थी। 

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