नोएडा में ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़, दंपति चला रहा था धंधा
ED का दावा है कि ये रैकेट उज्जवल किशोर और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव चला रहे थे. इस रैकेट के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हैं और ED ने दम्पति के घर जब छापेमारी की तो करोड़ों रूपये की विदेशी मुद्रा भी मिली.;
Online Pornography Racket Busted By ED In Noida : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नोएडा में एक बड़े ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें अवैध अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और भारी विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ। इस रैकेट को उज्जवल किशोर और उनकी पत्नी नीलू श्रीवास्तव कथित रूप से चला रहे थे और यह पिछले पांच वर्षों से सक्रिय था।
ED, Hqrs. Office, New Delhi has conducted searches under section 37 of FEMA r/w section 132 of Income tax in the case of Subdigi Ventures Private Limited. The entity is involved in creating and uploading pornographic content for a Cyprus based Company, operating an Adult…
— ED (@dir_ed) March 28, 2025
विदेशी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, यह दंपत्ति साइप्रस स्थित टेक्नियस लिमिटेड नामक कंपनी से जुड़ा था, जो Xhamster और Stripchat जैसी वयस्क मनोरंजन वेबसाइटों का संचालन करती है। वे बैंकिंग लेनदेन में गलत उद्देश्य कोड दर्शाकर विदेशी कंपनियों को धन हस्तांतरित करते थे, जिससे इन ट्रांजैक्शनों को विज्ञापन और मार्केट रिसर्च के भुगतान के रूप में दिखाया जाता था।
ईडी ने छापेमारी के दौरान उनके नोएडा स्थित घर से 15.66 करोड़ रुपये की अवैध विदेशी फंडिंग का पता लगाया। जांच में यह भी सामने आया कि उज्जवल किशोर पहले रूस में इसी तरह के एक रैकेट में शामिल थे, फिर भारत आकर अपनी पत्नी के साथ इस व्यवसाय को शुरू किया।
सोशल मीडिया के जरिए मॉडल्स की भर्ती
दंपत्ति ने सोशल मीडिया, विशेष रूप से फेसबुक का इस्तेमाल कर महिलाओं की भर्ती की। उन्होंने 'echato dot com' नाम से एक पेज बनाया, जहां मॉडलिंग के अवसर और आकर्षक वेतन का वादा किया जाता था। दिल्ली-एनसीआर की कई महिलाओं को इन विज्ञापनों के जरिए फंसाया गया।
ऑडिशन के बहाने जब महिलाएं नोएडा स्थित फ्लैट में पहुंचती थीं, तो उन्हें पोर्नोग्राफी रैकेट में शामिल होने का प्रस्ताव दिया जाता था। उन्हें 1 से 2 लाख रुपये प्रति माह की पेशकश की जाती थी।
उन्नत वेबकैम स्टूडियो और लाइव स्ट्रीमिंग
ईडी को दंपत्ति के फ्लैट में एक पेशेवर वेबकैम स्टूडियो मिला, जिसे OnlyFans जैसी वयस्क स्ट्रीमिंग साइट्स पर सामग्री प्रसारित करने के लिए उपयोग किया जाता था। यह स्टूडियो अत्याधुनिक प्रसारण उपकरणों से लैस था। छापेमारी के दौरान तीन महिलाएं लाइव स्ट्रीमिंग में संलग्न पाई गईं, जिनकी गवाही दर्ज कर ली गई है।
ग्राहकों के लिए भुगतान और कंटेंट कैटेगरी
मॉडल्स को ग्राहकों द्वारा किए गए भुगतान के आधार पर प्रदर्शन करना पड़ता था। विभिन्न श्रेणियों की सेवाएं उपलब्ध थीं, जिनमें हाफ-फेस शो, फुल-फेस शो और संपूर्ण नग्नता शामिल थीं। ग्राहक टोकन खरीदकर इन सेवाओं का उपयोग कर सकते थे।
राजस्व का बड़ा हिस्सा दंपत्ति के पास जाता था—वे 75% कमाई रखते थे, जबकि मॉडल्स को केवल 25% ही मिलता था।
क्रिप्टोकरेंसी और विदेशी बैंक खातों का इस्तेमाल
शुरुआती चरण में ग्राहकों से भुगतान क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से प्राप्त किया जाता था। जांच में नीदरलैंड में एक बैंक खाता भी सामने आया, जिसमें टेक्नियस लिमिटेड द्वारा 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। यह राशि भारत में अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड के जरिए नकद निकाली गई।
हजारों महिलाओं की संभावित संलिप्तता
ईडी का अनुमान है कि इस रैकेट के जरिए हजारों महिलाओं को फंसाया गया हो सकता है। मामले की जांच जारी है, और आगे और भी खुलासे होने की संभावना है।