रोहिणी में हुए बम धमाके में खालिस्तानी संगठन का हाथ ! टेलीग्राम एप पर ली ज़िम्मेदारी

टेलीग्राम एप पर जस्टिस लीग इंडिया के नाम से बने एक ग्रुप में बम धमाके की सीसीटीवी फुटेज डाल कर ये दावा किए गया है कि इस धमाके में खालिस्तानी संगठन का हाथ है. साथ ही ये चेतावनी भी दी गयी है कि 'हम कितने पास हैं कुछ भी कर सकते हैं.'

Update: 2024-10-20 18:28 GMT

Rohini Bomb Blast : दिल्ली के रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में सुबह के समय सीआरपीएफ स्कूल के बाहार बम धमाके को लेकर खालिस्तानी संगठन ने ज़िम्मेदारी लेने का दावा किया है. ये दावा सोशल मीडिया एप टेलीग्राम पर बने एक ग्रुप पर किया गया है. ये ग्रुप जस्टिस लीग इंडिया के नाम से है, जिस पर बम धमाके की सीसीटीवी फुटेज डाली गयी और फिर उस पर खालिस्तान जिंदाबाद का वाटरमार्क लगाया गया. साथ ही एक पोस्ट भी लिखी गयी कि भारत के लिए एक चेतावनी है. 


टेलीग्राम एप पर लिखा सन्देश 

टेलीग्राम एप पर बने ग्रुप जस्टिस लीग इंडिया पर दो पोस्ट डाले गए हैं. दोनों ही शाम लगभग साढ़े पांच बजे के करीब साझा किये गए हैं. एक पोस्ट में सिर्फ सीसीटीवी विडियो है जबकि दूसरा टेक्स्ट मैसेज है. इसमें लिखा गया है ''अगर भारतीय कायर एजेंसी और उनके आकाओं को लगता है कि वे हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए गंदे गुंडों को किराए पर ले सकते हैं ताकि हमारी आवाज़ को दबाया जा सके तो वे मूर्खों की दुनिया में रहते हैं। वे कल्पना भी नहीं कर सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और हम किसी भी समय हमला करने में कितने सक्षम हैं..

#खालिस्तान जिंदाबाद

#जली''.

इस मैसेज में साफ़ कहा गया है कि खालिस्तानी आतंकियों ने फिलहाल अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है. ये एक चेतावनी है कि दिल्ली में किसी भी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है. हालाँकि दिल्ली पुलिस की तरफ से ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या वाकई इस पोस्ट में जो दावा किया गया है वो सच है या नहीं? क्या सच में इसके पीछे खालिस्तानी आतंकी संगठन का हाथ है या नहीं? पुलिस अभी हर एंगल से जांच कर रही है. सिर्फ पुलिस ही नहीं बल्कि निअ भी इस मामले में जाँच में जुटी है, जो सुबह के समय मौके का मुआयना करके गयी थी. 


क्या धमाका सिर्फ मौजूदगी जताने के लिए किया गया?

क्या ये धमाका जान लेने के लिए नहीं अपनी मौजूदगी की दस्तक देने के लिए किया गया रोहिणी में जिस तरह से बम धमाका हुआ है, उसकी तीव्रता काफी तेज बताई जा रही है. जिस सीआरपीएफ स्कूल की दीवार पर ये धमाका हुआ, वो लगभग 100 फुट चौड़े रोड पर है. अब आप इस बम की तीव्रता का अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि इस धमाके से सामने सड़क किनारे कड़ी गाड़ियों के ही नहीं बल्कि दुकानों और घरों के शीशे भी टूट गए. इतना ही नहीं ब्लास्ट के सफ़ेद धुंए का जो गुबार उड़ा वो काफी देर तक उठा और काफी दूर तक दिखाई दिया. इसके साथ साथ धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी. यही वजह भी है कि इस धमाके की तीव्रता कम नहीं थी. अगर यही धमाका किसी और समय या किसी और दिन होता तो ये सिर्फ धमाका नहीं बल्कि कई लोगों की जान का दुश्मन भी बन सकता था.


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