जूनियर महिला अधिकारी ने विंग कमांडर पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, FIR दर्ज

महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि इस घटना की शिकायत विभाग में करने के बाद से उन्हें “लगातार उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना दी गई. मुख्य रूप से श्रीनगर स्थित वायुसेना स्टेशन के अधिकारियों द्वारा”. जिसके बाद उन्होंने पुलिस में जाने का निर्णय लिया.

Update: 2024-09-11 03:46 GMT

Airforce Sexual Harrasment Caseविंग कमांडर के खिलाफ मामला दर्ज, जूनियर ने बलात्कार का आरोप लगाया, भारतीय वायुसेना पर उत्पीड़न का आरोप : एयरफोर्स के विंग कमांडर के खिलाफ एक महिला फ्लाइंग ऑफिसर ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है. महिला फ्लाइंग ऑफिसर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बडगाम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है. महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत में ये भी आरोप लगाया है कि भारतीय वायुसेना के आलाअधिकारी लगातार आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, यही वजह रही कि लगभग 9 महीने बाद पीड़िता को पुलिस के पास जाना पड़ा है. वहीँ वायु सेना का कहना है कि दोनों अधिकारी फिलहाल श्रीनगर में तैनात हैं. वायुसेना की तरफ से कहा गया है कि विभाग की तरफ से पुलिस के साथ सहयोग किया जा रहा है.


एफआईआर दर्ज
श्रीनगर में एक अधिकारी ने मंगलवार (10 सितंबर) को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि महिला अधिकारी की शिकायत के एक दिन बाद रविवार (8 सितंबर) को मध्य कश्मीर के बडगाम पुलिस स्टेशन में दुष्कर्म की धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गयी है.
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें मामले की जानकारी है. स्थानीय बडगाम पुलिस स्टेशन ने इस मामले में श्रीनगर स्थित वायुसेना स्टेशन से संपर्क किया है. हम इस मामले में पूरा सहयोग कर रहे हैं."
अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि 26 वर्षीय महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उसे “लगातार उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना दी जा रही है, ख़ासतौर से श्रीनगर स्थित वायुसेना स्टेशन के अधिकारियों द्वारा”.

नये साल की पार्टी में यौन उत्पीड़न
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 31 दिसंबर, 2023 को ऑफिसर्स मेस में आयोजित हुई नए साल की पार्टी में उनके सीनियर ने पूछा कि क्या उन्हें कोई उपहार मिला है. महिला अधिकारी ने कहा, "मुझे कोई उपहार नहीं मिला है. इसके बाद विंग कमांडर ने मुझे अपने कमरे में आने के लिए कहा, जहाँ उन्होंने सभी उपहार रखे हैं."
महिला ने बताया कि जब वो विंग कमांडर के साथ उसके कमरे में गई तो उसका परिवार वहां नहीं था और पूछने पर उसने बताया कि वे कहीं और हैं. उसने आगे आरोप लगाया कि उसके सीनियर ने उसे जबरन ओरल सेक्स के लिए मजबूर किया और उसके साथ छेड़छाड़ की.
शिकायत में पीड़िता ने कहा कि "मैंने उससे बार-बार ऐसा करने से मना किया और हर संभव तरीके से उसका विरोध करने की कोशिश की. आखिरकार, मैंने उसे धक्का दिया और भाग गई."

“रिपोर्ट करने का साहस नहीं जुटा पायी”
महिला अधिकारी ने पुलिस को बताया कि जब उसने दो अन्य महिला अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने उसे शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया. पीड़िता ने कहा, "सेना के माहौल में नई होने के कारण मैं मानसिक रूप से सदमे में चली गई. मैं इतनी शर्मिंदा और टूटी हुई थी कि रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई. मैं एक अविवाहित महिला होने के मानसिक दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकती, जो सेना में शामिल हुई और जिसके साथ इस तरह का घिनौना व्यवहार किया गया."
इंडियन एयरफोर्स अधिकारी ने कहा कि वो इस दुविधा में थी कि "बातचीत करनी है या चुप रहना है. आखिरकार, मैंने फैसला किया और लड़ने का फैसला किया." उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के बाद, कर्नल रैंक के एक अधिकारी को घटना की जांच करने का आदेश दिया गया.

“गलतियाँ छिपाने के लिए जांच बंद कर दी गई”
पीड़िता ने दावा किया कि "विंग कमांडर को 29 और 30 जनवरी को मेरे साथ बैठाया गया. उन्होंने मेरा बयान और पूछताछ नोट की." पीड़िता ने विंग कमांडर की उपस्थिति पर आपत्ति जताई, जिसके बाद "प्रशासन की गलतियों को छिपाने के लिए जांच बंद कर दी गई." महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि उनसे आंतरिक समिति को संबोधित एक नया आवेदन देने को कहा गया और जब उन्होंने ऐसा किया तो स्टेशन को आंतरिक समिति गठित करने में दो महीने लग गए.
पीड़िता के अनुसार "यौन अपराधी की सहायता करने के लिए स्टेशन अधिकारियों का पक्षपातपूर्ण रवैया मेरे लिए बहुत दुखद था." उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कई बार आग्रह करने पर भी उनकी मेडिकल जांच नहीं की गई. फ्लाइंग ऑफिसर ने आरोप लगाया, "आईसी (आंतरिक समिति) ने अपना काम ठीक से नहीं किया, क्योंकि उच्च स्तर से निर्देश आए थे कि परिणाम तटस्थ रखा जाए. हर कोई यौन अपराधी की मदद कर रहा था."

“अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन परेशान किया जाता है”
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे "इन लोगों के साथ घुलने-मिलने और मेरे साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति के साथ कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता है." "जबकि वह मौज-मस्ती कर रहा है. मैं रोजाना अधिकारियों के हाथों परेशान हो रही हूँ," उसने आरोप लगाया. महिला अधिकारी का कहना है कि आंतरिक समिति ने कहा है कि प्रत्यक्षदर्शी के अभाव में यह निष्कर्ष नहीं निकल पाया है कि घटना घटी थी या नहीं, तथा मई में इसकी जांच बंद कर दी गई थी. पीड़िता ने ये भी कहा कि "क्या यह सामान्य ज्ञान नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी ( गवाह ) के सामने यौन उत्पीड़न नहीं करेगा?"

लगातार उत्पीड़न, बहिष्कार
महिला अधिकारी ने “निरंतर मानसिक उत्पीड़न” और “सामाजिक बहिष्कार” की शिकायत की है. आरोप है कि "मेरे निजी संचार पर लगातार अनाधिकारिक रूप से नज़र रखी जाती है. मैं जिन लोगों से बात करती हूँ, उन्हें अधिकारी परेशान करते हैं." यही वजह रही कि महिला अधिकारी ने पुलिस से अपराधियों के खिलाफ़ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया. "मुझे उम्मीद है कि आप न्याय सुनिश्चित करने और मेरे अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे."

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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