फ्लैट के अन्दर गांजे की खेती : ग्रेटर नॉएडा की नामी सोसाइटी में चल रही थी नशे की नर्सरी

बीटा 2 थाना पुलिस और नारकोटिक्स की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है. आरोपी पिछले 4 महीने से गांजे की खेती कर रहा था और डार्कनेट के माध्यम से इसकी सप्लाई कर रहा था.

Update: 2024-11-12 09:57 GMT

Marijuana Indoor Farming : गौतमबुध नगर के ग्रेटर नॉएडा में पुलिस ने एक रिहायशी फ्लैट के अन्दर गांजे की खेती करने का पर्दाफाश किया है. पुलिस का दावा है कि ये गोरखधंधा बड़े ही गुपचुप तरीके से ग्रेटर नॉएडा के थाना बीटा 2 में आने वाली पार्शवनाथ सोसाइटी में एक अपार्टमेंट के अन्दर चलाया जा रहा था. सबसे गंभीर बात ये है कि इस नशे के इस कारोबार को डार्क नेट के माध्यम से आगे बढ़ा रहा था. पुलिस ने इस मामले में जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है उसका नाम राहुल है. पुलिस का दावा है कि राहुल चार महीने से फ्लैट में गांजा उगा रहा था. फ्लैट एक अन्दर लगभग 50 गमले मिले हैं, जिनमें गांजा उगाया जा रहा था.


नारकोटिक्स और थाना बीटा 2 ने संयुक्त कार्रवाई की
गौतम बुध नगर कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले थाना बीटा 2 के इलाके में स्थित पार्श्वनाथ सोसाइटी में एक फ्लैट के अन्दर गंजे की खेती की सूचना मिली. जिसके बाद स्थानीय थाना पुलिस व नारकोटिक्स की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन के तहत फ्लैट में दबिश देकर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ के पौधों की खेती करने वाले अभियुक्त राहुल को गिरफ्तार किया. जब फ्लैट के अन्दर पहुंचा गया तो पुलिस टीम भी हैरान रह गयी क्योंकि फ्लैट के अन्दर गांजे की खेती की जा रही थी. कमरों में गांजे के पौधे उगाये हुए थे.

विदेशी तकनीक से की जा रही थी खेती
पुलिस का कहना है कि फ्लैट के अन्दर विदेशी तकनीक से गांजे की खेती की जा रही थी. फ्लैट एक अन्दर उपकरणों की मदद से विशेष तापमान बनाया जाता है, जो इस खेती के लिए उपयोगी होता है. तकनीक की मदद से आसानी से गांजा चार दिवारी के अन्दर उगाया जा सकता है.

डार्क नेट की मदद से की जा रही थी गांजे की सप्लाई
पुलिस का कहना है कि अभी तक की पूछताछ में राहुल ने खुलासा किया है कि वो गांजे की तस्करी डार्क नेट की मदद से कर रहा था. उसने ये भी बताया कि गांजा उगाने के लिए उसने youtube आदि की भी मदद ली, जहाँ से उसने ये सीखा और फिर एक फ्लैट में गांजे की खेती शुरू कर दी.

गुजरात और बेंगलुरु से भी सामने आ चुके हैं मामले
पुलिस का कहना है कि गांजे की खेती का ये नया ट्रेंड धीरे धीरे रफ़्तार पकड़ता जा रहा है. ऐसे ही मामले गुजरात और बेंगलुरु से सामने आ चुके हैं. गंजे की इंडोर खेती से मादक पदार्थ के तस्करों को आसानी रहती है और वे इस अवैध धंधे को रिहायशी इलाकों में आसानी से कर लेते हैं.


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