नागपुर हिंसा मामले में 14 गिरफ्तार, पुलिस ने कुल 105 लोगों पर कसा शिकंजा

Nagpur violence का मामला अभी भी जारी है और पुलिस ने इस हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.;

Update: 2025-03-21 18:27 GMT

Nagpur communal violence: नागपुर में हुई हिंसा के मामले में शुक्रवार को पुलिस ने 14 और लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों की कुल संख्या 105 हो गई है. इनमें 10 किशोर भी शामिल हैं. पुलिस ने इस घटना से जुड़े तीन नए एफआईआर भी दर्ज किए हैं.

मामला

17 मार्च को नागपुर के विभिन्न इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं. अफवाहों के अनुसार, छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिस दौरान पवित्र शिलालेखों वाली चादर को नुकसान पहुंचाने का आरोप था.

कर्फ्यू हटाने का निर्णय

नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंघल ने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और दंगे से संबंधित तीन नए एफआईआर दर्ज किए गए हैं. कर्फ्यू हटाने का फैसला उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया जाएगा. इस बैठक के दौरान सिविल लाइंस स्थित पुलिस भवन में स्थिति का जायजा लिया गया. हिंसा के दौरान 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारी भी शामिल हैं. मुख्य आरोपी फहीम खान पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.

17 आरोपियों को पुलिस हिरासत

इस बीच, नागपुर की एक स्थानीय अदालत ने हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 17 लोगों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. अदालत ने यह निर्णय लिया कि इन आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप 'गंभीर प्रकृति' के हैं. इसलिए इनसे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है. आरोपियों को गुरुवार रात मजिस्ट्रेट मैमुना सुल्ताना के समक्ष पेश किया गया. पुलिस ने उनकी सात दिनों की हिरासत की मांग की. लेकिन अदालत ने केवल दो दिनों की हिरासत मंजूर की. ये आरोपी गणेशपेठ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए हैं. अदालत ने आरोपियों के वकीलों की उस दलील को नकार दिया, जिसमें कहा गया था कि इन 17 आरोपियों में से केवल चार का नाम प्राथमिकी में है और बाकी की कोई विशेष भूमिका नहीं है.

फहीम खान की जमानत याचिका

मुख्य आरोपी फहीम खान ने सत्र न्यायालय में जमानत की याचिका दायर की है. उसने दावा किया है कि उसकी गिरफ्तारी 'राजनीतिक प्रतिशोध' के तहत की गई है. क्योंकि उसने वीएचपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के शहर अध्यक्ष फहीम खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस हिरासत में भेजे जाने के बाद, शुक्रवार को उसकी रिमांड खत्म हो गई और अदालत ने उसकी खराब स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने कहा है कि वे बाद में उसकी हिरासत की मांग कर सकते हैं.

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