डीयू की छात्रा पर एसिड अटैक की थ्योरी में पुलिस को नज़र आया झोल !

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, पीड़ित छात्रा के बयानों में विरोधाभास पाया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Update: 2025-10-27 14:23 GMT

Acid Attack : नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली में डीयू की एक छात्रा पर कथित एसिड हमले के एक दिन बाद पुलिस जाँच में आरोप “संदिग्ध” प्रतीत हो रहे हैं। पुलिस का ये भी दावा है कि अब तक इस हमले को साबित करने वाला कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी भीष्म सिंह का कहना है कि पीड़िता के बयानों में विरोधाभास पाए गए हैं, जिसकी वजह से ये संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। इस बीच पीड़िता के खिलाफ भलस्वा डेरी इलाके में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में पीड़ित महिला तेजाब फेंकने के आरोपियों में से एक है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दुष्कर्म की शिकायत शुक्रवार को दी गयी थी और तेजाब फेंकने के आरोप रविवार को सामने आये हैं. इन दोनों मामलों को ध्यान में रखते हुए भी जाँच की जा रही है।



क्या है विरोधाभास
पुलिस सूत्रों के अनुसार पीड़िता कॉलेज के गेट से लगभग 200 मीटर दूर ई-रिक्शा से उतरी थी, और इसी जगह कथित एसिड हमला हुआ। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि छात्रा ने कॉलेज से इतनी दूरी ई-रिक्शा से क्यों उतरी। साथ ही, कथित अपराध स्थल पर दीवार पर एसिड के कोई निशान नहीं मिले हैं। सूत्रों ने ये भी बताया कि जाँच में ये भी सामने आया है कि वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के पास तक पीड़िता अपने भाई के साथ बाइक पर देखी गयी है। सीसीटीवी फुटेज में भी उन्हें देखा गया। ऐसे में ये सवाल भी खड़े होते हैं कि वहां से कॉलेज नजदीक है, तो फिर भाई ने छात्रा को ई रिक्शा में क्यों बैठाया?

पीड़ित छात्रा के परिवार का आरोपियों के साथ विवाद
पुलिस सूत्रों ने ये भी जानकारी दी है कि जिन तीन लोगों पर छात्र ने आरोप लगाया है, जब उनकी लोकेशन चेक की गयी तो वो मौका-ए-वारदात पर घटना के समय नहीं पायी गयी है। यानी कि अगर तीनों आरोपी मौका-ए- वारदात पर नहीं थे तो फिर तेजाब फेंकने वाले कौन थे? पीड़िता ने हमलावरों के चेहरे तो नहीं देखे लेकिन बाइक का नंबर सही याद रहा। पीड़िता ने हमलावरों के नाम सुन लिए। इसके अलावा पीड़ित छात्रा के बयानों में भी विरोधाभास सामने आये हैं।

पीड़िता के क्या हैं आरोप

पुलिस के अनुसार छात्रा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाये हैं कि एक स्टॉकर और उसके दो साथियों ने यह कथित हमला किया। मुख्य आरोपी ईशान और उसके साथी अर्मान ने छात्रा को लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास रोका। झड़प के दौरान अर्मान ने उस पर एसिड फेंका। छात्रा ने अपने हाथों से चेहरे की सुरक्षा की, जिससे उसके दोनों हाथ जल गए। शिकायत में कहा गया है कि ईशान एसिड की बोतल लेकर आया और अर्मान ने उसे फेंका। तीनों आरोपी अभी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

छात्रा के भाई ने मीडिया से कहा,“हम एक हमलावर को जानते हैं, जो हमारे घर के पास रहता है। वह मेरी बहन को पहले भी स्टॉक कर रहा था, और उसने पिछले महीने उसका सामना किया था। हम चाहते हैं कि आरोपी को जेल में डालकर न्याय मिले।”

पुलिस अब एसिड हमले और इस यौन उत्पीड़न आरोप दोनों की जांच कर रही है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी कथित एसिड हमले को संज्ञान में लिया है और दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर आरोपियों की गिरफ्तारी, उचित चिकित्सा देखभाल और पीड़िता को मुआवजा देने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि एसिड हमले महिलाओं के खिलाफ सबसे क्रूर अपराधों में शामिल हैं और इन्हें शून्य सहनशीलता और कठोर सजा के साथ रोकना चाहिए।


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