Anna University rape case: आरोपी को थी यौन शोषण की आदत! 2011 से कई मामले हैं लंबित
Anna University: पुलिस ने ज्ञानसेकरन के मोबाइल से वीडियो बरामद किए, छात्रों को सलाह दी कि अगर उन्हें परेशान किया गया तो वे शिकायत दर्ज कराएं; अन्नामलाई ने डीएमके सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया.;
Anna University rape: तमिलनाडु पुलिस चेन्नई स्थित अन्ना विश्वविद्यालय (Anna University) परिसर में 19 वर्षीय छात्रा के साथ कथित यौन उत्पीड़न की जांच कर रही है. लेकिन ऐसा लगता है कि आरोपी एक सिलसिलेवार यौन शोषण अपराधी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी ज्ञानसेकरन के खिलाफ साल 2011 से चोरी और डकैती से संबंधित 10 मामले लंबित हैं. उसे 2013 में श्रेणी ए (कम कुख्यात) हिस्ट्रीशीटर के रूप में बताया गया था. उसके खिलाफ पहले भी यौन शोषण की इसी तरह की शिकायत से जुड़ा एक और मामला दर्ज किया गया था.
सूत्र ने द फेडरल को बताया कि ज्ञानसेकरन को छात्रों, खास तौर पर जोड़ों की तस्वीरें लेने की आदत थी. हम जांच कर रहे हैं कि क्या उसने पहले भी इन तस्वीरों का इस्तेमाल करके दूसरे छात्रों को धमकाया था. हमने उसके मोबाइल फोन से कई तस्वीरें और वीडियो बरामद किए हैं. हमने छात्रों को सलाह दी है कि अगर उसके द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार या उत्पीड़न किया गया है तो वे शिकायत दर्ज कराएं.
एफआईआर लीक का खौफ
इस बीच, अन्ना विश्वविद्यालय (Anna University) की इंजीनियरिंग छात्रा ने अपनी शिकायत को निपटाने में पुलिस की लापरवाही की शिकायत की है, तथा मामले की एफआईआर और अन्य विवरण सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहे हैं. छात्रा के साथ 23 दिसंबर की शाम को परिसर में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था. जहां परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, ऑनलाइन वायरल हो रही एफआईआर ने भी कई छात्रों को झकझोर दिया है. विशेषज्ञों ने पुलिस की इस बात के लिए भी आलोचना की है कि उसने अपने प्रेस नोट में उस संस्थान का नाम उजागर किया है, जहां छात्र पर हमला किया गया था. इस मामले में पुलिस की ढिलाई के कारण न केवल विपक्षी दलों बल्कि शहर के छात्र संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन किया है.
पुलिस और मंत्री का खंडन
जबकि शिकायत की तस्वीरें कई व्हाट्सएप ग्रुपों में खुलेआम शेयर की गईं, चेन्नई पुलिस और तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कानून मंत्री एस. रेगुपथी दोनों ने लीक होने से इनकार किया. रेगुपथी ने दावा किया कि ये आरोप डीएमके को बदनाम करने के लिए गढ़े गए हैं. लेकिन विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यौन उत्पीड़न मामले से निपटने में दिखाई गई असंवेदनशीलता पर सवाल उठाया.
वहीं, एफआईआर के अनुसार, आरोपी ज्ञानसेकरन ने छात्रा और उसके मित्र को धमकी देने के बाद परिसर में उसके साथ मारपीट की. हमले के बाद, उन्होंने कथित तौर पर छात्रा से कहा कि जब भी वह उन्हें बुलाएं, उसे “उपलब्ध” रहना होगा और साथ ही एक अन्य “सर” के साथ जाने के लिए भी सहमत होना होगा, जिनसे उन्होंने फोन पर बात की थी.
आरोपी का डीएमके से संबंध
इस बीच, तमिलनाडु (Tamil Nadu) भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने दावा किया कि बिरयानी विक्रेता ज्ञानसेकरन डीएमके की सैदई ईस्ट छात्र शाखा का उप-संगठक है. हालांकि, रेगुपथी ने दावा किया कि ज्ञानसेकरन पार्टी के सदस्य नहीं थे और उन्होंने कभी पार्टी में कोई पद नहीं संभाला. लेकिन डीएमके सूत्रों ने द फेडरल से स्वीकार किया कि वह अन्ना विश्वविद्यालय (Anna University) परिसर के पास कोट्टूरपुरम में डीएमके छात्र शाखा के लिए कार्यक्रम आयोजित करने में सक्रिय थे. डीएमके सूत्रों ने यह भी बताया कि उन्होंने पार्टी की युवा शाखा के नेता और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन तथा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम के साथ भी तस्वीरें खिंचवाईं. ज्ञानसेकरन ने पार्टी में स्थान पाने के लिए भी प्रयास किए थे और डीएमके नेताओं के जन्मदिन पर कार्यक्रम आयोजित किए थे.
त्वरित न्याय
महिला अधिकार कार्यकर्ता के.आर. रेणुका ने द फेडरल को बताया कि मामले का राजनीतिकरण करने के बजाय, राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों को पीड़िता के लिए शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एफआईआर लीक की गहन जांच होनी चाहिए और इसे लीक करने तथा सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. रेणुका ने चेन्नई पुलिस के प्रेस नोट की भी आलोचना की, जिसमें उस संस्थान का नाम उजागर किया गया था, जहां छात्र पर हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि जिस संस्थान में छात्र पढ़ता है, उसका नाम उजागर करने में इतनी जल्दी क्यों थी? इसका खुलासा क्यों किया गया? हमें नहीं पता कि अधिकारियों को ऐसे मामलों से निपटने के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाता है या नहीं. तमिलनाडु के डीजीपी शंकर जिवाल और तमिलनाडु (Tamil Nadu) के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम से टिप्पणी के लिए द फेडरल संपर्क नहीं कर सका.
अन्ना विश्वविद्यालय (Anna University) की घटना पर मीडिया को संबोधित करते हुए अन्नामलाई ने कहा कि वह हमले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 48 दिनों तक अनशन करेंगे और खुद को कोड़े से मारेंगे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब तक डीएमके सत्ता से बाहर नहीं हो जाती, मैं चप्पल नहीं पहनूंगा. कल से मैं 48 दिनों का उपवास रखूंगा. फरवरी में मैं छह घरों में जाऊंगा और छात्रा के लिए न्याय के लिए भगवान मुरुगन से अपील करूंगा. कल सुबह मैं अपने घर के बाहर खड़ा होकर खुद को कोड़े मारूंगा. उन्होंने अपने जूते भी उतार दिए, जिसका कई टेलीविजन चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया.