सिगरेट ने खोला डबल मर्डर का राज, बेटी- दामाद को उम्रकैद

कोलकाता में साढ़े चार साल पहले डबल मर्डर केस सुर्खियों में था। इस केस में जांच के बाद जानकारी सामने आई कि बेटी और दामाद ने हत्याकांड को अंजाम दिया था।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-03-05 09:29 GMT

पश्चिम बंगाल के हाबड़ा में करीब साढ़े चार साल पहले हुए दंपति मर्डर केस में कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस डबल मर्डर की गुत्थी सुलझाने में सिगरेट के बट ने अहम भूमिका निभाई। शुरुआत में यह एक ब्लाइंड केस था, लेकिन फिंगरप्रिंट, डीएनए टेस्ट और कॉल रिकॉर्डिंग ने आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस की मदद की।

बेटी-दामाद ने रची थी हत्या की साजिश

16 सितंबर 2020 को उत्तर 24 परगना जिले के हाबड़ा में रामकृष्ण मंडल और उनकी पत्नी लीला रानी मंडल की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां न कोई चश्मदीद गवाह था और न ही कोई सीसीटीवी फुटेज।

हालांकि, पुलिस को घटनास्थल पर सिगरेट के कुछ टुकड़े मिले, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक दंपति का अपनी बेटी निवेदिता संधू और दामाद बंती संधू से विवाद चल रहा था। दोनों उन पर संपत्ति बेचकर पैसे देने का दबाव बना रहे थे, लेकिन माता-पिता के इनकार करने पर उन्होंने हत्या की साजिश रच डाली।

कॉल रिकॉर्डिंग ने खोला राज

शुरुआती सुराग मिलते ही पुलिस ने निवेदिता और बंती के मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाए और उनकी कॉल डिटेल खंगालनी शुरू की। दोनों को हिरासत में लेने के बाद साजिश का खुलासा हुआ।

बंती संधू ने अजय दास नाम के शूटर को 50,000 रुपये देकर हत्या की सुपारी दी थी।

जांच के दौरान पुलिस को अजय दास के मोबाइल से कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग मिलीं, जिसमें बंती संधू और निवेदिता संधू की हत्या की योजना का खुलासा हुआ। अजय ने यह रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर संभाल कर रखी थी, ताकि वारदात के बाद सुपारी देने वाले मुकर न जाएं।

डीएनए टेस्ट और हथियार से जुड़े सबूत

सिगरेट के टुकड़ों पर मिले डीएनए का मिलान बंती संधू और अजय दास से हुआ।

कॉल रिकॉर्डिंग में मिली आवाजें भी आरोपियों से मेल खा गईं।

अजय दास से बरामद हथियार, पीड़ितों के शरीर से मिली गोलियों से मेल खा गया।

सबूतों से यह भी पता चला कि हत्या से पहले पीड़ितों के पीने के पानी में जहर मिलाने की कोशिश की गई थी।

कर्ज में डूबे थे आरोपी, घर बेचने का बना रहे थे दबाव

पुलिस जांच में पता चला कि बंती और निवेदिता संधू करीब 7 लाख रुपये के कर्ज में डूबे थे। उन्होंने अपने सास-ससुर पर दबाव डाला कि वे संपत्ति बेचकर उन्हें पैसे दें, लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया, तो हत्या की साजिश रची।

बंती संधू ने ड्राइवर अजय दास को हत्या की सुपारी दी थी और उसे बताया था कि छत के रास्ते घर में कैसे घुसना है। वारदात के समय बंती खुद मौके पर मौजूद था।

कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बिवास चटर्जी ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने तीनों दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी। लेकिन 3 मार्च को अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुना दी।   

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