दिल्ली चुनाव में AAP की हार, क्या राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे पर मंडरा रहा खतरा?
Delhi Election result: भारत के चुनाव आयोग ने 30 सितंबर 2023 को अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था.;
AAP national party status: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जनता ने बीजेपी को प्रचंड जनादेश दिया है. इसके साथ ही बीजेपी का पिछले 27 साल से दिल्ली की सत्ता में काबिज होने की सपना आखिरकार पूरा हो गया है. वहीं, पिछले 10 साल से दिल्ली के सियासत की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार करारा झटका लगा है. पार्टी के कई सूरमा भी बीजेपी की इस बयार में बहकर चुनाव हार चुके हैं. खुद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहे. अब जैसे कि आप (AAP) के हाथों से दिल्ली के सत्ता की चाबी छिन चुकी है तो इस बीच एक अहम सवाल यह उठ रहा है कि क्या आप (AAP) अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो देगी?
AAP की राष्ट्रीय पार्टी की स्थिति
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने 30 सितंबर 2023 को अरविंद केजरीवाल नेतृत्व वाली आप को 2023 के गुजरात विधानसभा चुनावों में लगभग 13 प्रतिशत वोट शेयर और पांच सीट जीतने के बाद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया था. क्योंकि गुजरात, दिल्ली, पंजाब और गोवा में अपने प्रदर्शन के बाद आप के राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने की शर्त पूरी हुई थी. वहीं, चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (TMC), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया. जिसके बाद देश में केवल 6 राष्ट्रीय पार्टियां रह गईं.
1- भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress)
3- आम आदमी पार्टी (AAP)
4- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सिस्ट (CPI-M)
5- बहुजन समाज पार्टी (BSP)
6- नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP)
राष्ट्रीय दर्जा की शर्त
- लोकसभा या विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन: चार या अधिक राज्यों में लोकसभा या राज्य विधान सभा चुनावों में कुल वैध वोटों का कम से कम 6 प्रतिशत और कम से कम चार लोकसभा सीट जीतना.
- लोकसभा में प्रतिनिधित्व: लोकसभा की कुल सीटों का कम से कम 2 प्रतिशत और तीन अलग-अलग राज्यों से चुनाव जीते हुए सदस्य होना.
- कई राज्यों में मान्यता: कम से कम चार राज्यों में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त होना.
AAP का क्या होगा?
आप का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा केवल दिल्ली पर निर्भर नहीं है. अगर दिल्ली में आप सत्ता खो भी देती है तो भी उसे दिल्ली के साथ पंजाब, गोवा और गुजरात में राज्य पार्टी का दर्जा बनाए रखने का अधिकार मिलेगा. हालांकि, अगर इन राज्यों में आप का प्रदर्शन गिरता है. जैसे अगर वह इन चार राज्यों में से किसी भी राज्य में 6 प्रतिशत वोट या दो सीटें नहीं जीतती तो उसे राष्ट्रीय दर्जा खोने का खतरा हो सकता है.