मंदिरों को लेकर गरमाई दिल्ली की सियासत, धार्मिक समिति के इस आदेश को लेकर LG-CM आमने सामने
Delhi election: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने LG विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ अपना आरोप दोहराया;
Delhi assembly election: नये साल के आगमन के साथ ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. आलम यह है कि सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका छोड़ रहे हैं. दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते यहां की सियासत में उपराज्यपाल (एलजी) का अहम रोल है. ऐसे में जब भी दिल्ली की राजनीति गरमाती है तो कहीं न कहीं एलजी भी इसमें एक किरदार के तौर पर नजर आते हैं. ताजे घटनाक्रम में दिल्ली की राजनीति धार्मिक समिति को लेकर गरमाई हुई है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) ने बुधवार को LG विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) के खिलाफ अपना आरोप दोहराया और कहा कि उनकी मंजूरी पर धार्मिक समिति राष्ट्रीय राजधानी में कई मंदिरों को तोड़ देगी. हालांकि, एलजी सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने ऐसे किसी आदेश को देने से पहले ही इनकार कर चुके हैं. उन्होंने आप नेता पर “सस्ती राजनीति करने” का आरोप भी लगाया था.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आतिशी (Atishi) ने कहा कि इस तरह के आदेशों से बीजेपी का दोहरा चेहरा सामने आता है. एक तरफ वे हिंदू धर्म की रक्षा का दिखावा करते हैं. वहीं, दूसरी तरफ वे अपने नियुक्त अधिकारियों और एलजी (Vinay Kumar Saxena) को मंदिरों को तोड़ने का गुप्त आदेश देते हैं.
बता दें कि एक धार्मिक समिति है. जो मंदिरों को स्थानांतरित करने या उनको गिराने को लेकर फैसला लेती है. यह समिति पहले दिल्ली सरकार के गृह मंत्री के अधीन आती थी. लेकिन पिछले साल दिल्ली के एलजी (Vinay Kumar Saxena) ने आदेश दिया कि किसी भी धार्मिक स्थल को गिराना कानून-व्यवस्था का मुद्दा है और इसलिए यह दिल्ली के एलजी (Vinay Kumar Saxena) के अधीन आता है और इसलिए दिल्ली के सीएम या गृह मंत्री का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
एएनआई ने आतिशी (Atishi) के हवाले से कहा कि अब धार्मिक समिति सीधे दिल्ली एलजी (Vinay Kumar Saxena) के अधीन है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मुद्दे पर न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह विभाग का कोई कहना है. आतिशी (Atishi) ने कहा कि समिति के अध्यक्ष गृह विभाग के प्रमुख सचिव हैं और वह समिति के सुझावों को मंजूरी के लिए सीधे दिल्ली एलजी को भेजते हैं.
अपने आरोपों के आधार को स्पष्ट करते हुए आतिशी (Atishi) ने कहा कि हिंदू और बौद्ध मंदिरों को तोड़ने का फैसला 22 नवंबर को एलजी सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था. आतिशी ने आरोप लगाया कि 22 नवंबर को हुई बैठक में वेस्ट पटेल नगर, दिलशाद गार्डन, सीमापुरी, गोकलपुरी, न्यू उस्मानपुर और सुल्तानपुरी में स्थित कई मंदिरों और सुंदर नगरी में स्थित एक बौद्ध मंदिर को करने का निर्णय लिया गया था. दिल्ली एलजी (Vinay Kumar Saxena) ने इसे मंजूरी दे दी है और अब डीएम और एसडीएम इन मंदिरों को तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं. आतिशी (Atishi) ने कहा कि कल एलजी के कार्यालय ने मीडिया को बताया कि मंदिरों को तोड़ने का कोई आदेश नहीं है. लेकिन यह झूठ है.