भाजपा का आरोप: CAG के अनुसार शराब नीति से दिल्ली सरकार को हुआ 2026 करोड़ का नुकसान

भाजपा के नेताओं का दावा है कि CAG रिपोर्ट में दिल्ली की शराब निति को लेकर प्रश्न उठाये गए हैं और ये कहा गया है कि शराब निति में अनियमितता बरती गयीं।;

Update: 2025-01-11 12:06 GMT

Delhi Liquor Scam Policy : दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले शराब घोटाले के जिन एक बार फिर से बोतल के बाहर निकल आया है। वजह है भाजपा द्वारा ये दावा करना कि CAG की रिपोर्ट के अनुसार शराब निति में गड़बड़ी के चलते दिल्ली सरकार को 2026 करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ है।

भाजपा द्वारा शनिवार को अलग अलग स्तर पर CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी और दिल्ली के पूर्व मुख्याम्नात्री अरविन्द केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाये गए। चाहे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हों या फिर दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सभी ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल से इस सम्बन्ध में प्रश्न किये हैं।
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने शराब नीति के जरिए अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं की अनदेखी की। उन्होंने कहा, "यह घोटाला न केवल केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का सबूत है, बल्कि यह दिल्ली की जनता के साथ धोखा भी है।"

कैग रिपोर्ट के प्रमुख खुलासे
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर और विजेंद्र गुप्ता के अनुसार CAG ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली की शराब निति को लेकर कई बिंदु उठाये हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि इस निति में कई तरह की अनियमितताएं बरती गयीं, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। जो बिंदु उठाये गए हैं, वो इस प्रकार हैं :-

1. विशेषज्ञों की अनदेखी: रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति बनाने में विशेषज्ञों की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया।

2. लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी: वित्तीय स्थिति खराब होने के बावजूद कई कंपनियों को लाइसेंस दिया गया।

3. राजस्व का नुकसान: गलत फैसलों के कारण खजाने को 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि वेंडरों को अनुचित छूट देने से 941 करोड़ रुपये की हानि हुई।

4. कोविड का बहाना: चहेते लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपये की छूट दी गई, जो निविदा नियमों के खिलाफ थी।

5. गुणवत्ता नियंत्रण की कमी: शराब की गुणवत्ता जांचने के लिए जरूरी लैब्स स्थापित नहीं की गईं।


गुप्ता का आरोप: "केजरीवाल सरकार ने जनता को धोखा दिया"
दिल्ली विधासभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शराब नीति में पारदर्शिता का अभाव और नियमों का उल्लंघन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि केजरीवाल सरकार का मुख्य उद्देश्य अपने करीबियों को फायदा पहुंचाना था। उन्होंने केजरीवाल से सवाल किया कि विशेषज्ञों की सिफारिशों को क्यों दरकिनार किया गया और सरकारी खजाने को इतने बड़े नुकसान की जिम्मेदारी कौन लेगा?

इस्तीफे की मांग
गुप्ता के अनुसार अगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अंदर नैतिकता है, तो उन्हें इस घोटाले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जनता को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह घोटाला जानबूझकर किया गया एक षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य पार्टी के नेताओं और उनके करीबियों को फायदा पहुंचाना था।"

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा हमने दबाव नहीं बनाया होता ओत हो चूका होता 10 हजार करोड़ का नुस्क्सान -
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि टीवी चैनल द्वारा पहली बार उजागर की गई CAG रिपोर्ट से राजस्व को हुए 2000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का संकेत मिलता है। अगर भाजपा के विरोध प्रदर्शन ने अरविंद केजरीवाल को उनकी नई शराब नीति वापस लेने के लिए मजबूर नहीं किया होता, तो अब तक दिल्ली का राजस्व नुकसान 10,000 करोड़ रुपये को पार कर चुका होता।

दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को आना है फैसला
ज्ञात रहे कि CAG रिपोर्ट को लेकर भी आप और भाजपा के बीच काफी विवाद रहा है, जिसकी वजह है इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश न करना। यही वजह भी है कि खुद नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस रिपोर्ट को पेश करने के लिए एक दिन का विशेष सत्र बुलाये जाने की मांग की थी, लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गयी तो उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट इस विषय में अपना फैसला सुना सकता है।


Tags:    

Similar News