क्या इन उपायों से राह होगी आसान,दिल्ली में 1998 के बाद BJP सत्ता से दूर
Delhi Election 2025: दिल्ली के चुनावी समर में तीनों सियासी दल जी जान से जुट गए हैं। इन सबके बीच हम समझने की कोशिश करेंगे कि बीजेपी की रणनीति क्या है।;
Delhi Assembly Election: 2025 में दिल्ली की गद्दी पर कौन विराजेगा उसके लिए पांच फरवरी को चुनावी परीक्षा के दौर से गुजरना है। नतीजे आठ फरवरी को आएंगे और जो दल 36 के जादुई आंकड़े को अपनी झोली में भरने में कामयाब होगा, दिल्ली उसकी हो जाएगी। साल 1993 से हर पांच साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव कराए जा रहे हैं और इस 31 साल के चुनावी सफर में बीजेपी को सरकार में बने रहने का सिर्फ एक बार मौका मिला है। कांग्रेस को 15 साल (1998 से 2013 तक), आम आदमी पार्टी को करीब 10 साल 49 दिन (2013, 2015, 2020) दिल्ली (Delhi Election 2025) की जनता ने मौका दिया। लेकिन यहां हम बात बीजेपी की करेंगे जो 1998 के बाद से सत्ता से बाहर है, यानी वनवास की अवधि करीब 27 साल हो चुकी है। क्या 2025 में बीजेपी के वनवास को जनता अपने फैसले से खत्म कर देगी। इस सवाल के बीच हम समझने की कोशिश करेंगे कि बीजेपी (BJP Strategy For Delhi Election)किस तरह की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
कल्याणकारी स्कीम पर खास ध्यान
भारतीय जनता पार्टी के बारे में कहा जाता है कि मौजूदा समय में एकलौती पार्टी है जो 12 महीने चुनावी मोड में रहती है। अगर अलग अलग राज्यों में बीजेपी के प्रदर्शन को देखें तो जनसंपर्क अभियान, बूथ मैनेजमेंट, सरकारी योजनाओं की जानकारी, विपक्ष की नकारात्मक राजनीति पर हमला ही मुख्य हथियार रहे हैं तो क्या बीजेपी इसी रणनीति को दिल्ली के चुनाव में लागू कर चुकी है। इस सवाल का जवाब आप पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की जापानी पार्क में रैली और गृहमंत्री अमित शाह की रैली से समझ सकते हैं। पीएम मोदी ने जापानी पार्क में कहा कि दिल्ली को और फायदा मिल सकता था यदि आप की सरकार ने केंद्रीय योजनाओं को रोका ना होता। अपने भाषण में उन्होंने संदेश दिया कि सिर्फ और सिर्फ दिल्ली की सरकार ही विकास की योजनाओं में बाधक है। उन्होंने दिल्ली की जनता को भरोसा दिलाया कि जिन योजनाओं पर हम काम कर रहे हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा।
झुग्गी झोपड़ी पर फोकस
इसके साथ ही 11जनवरी को गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि लोगों का उत्थान हो यही हमारा मकसद है, वो खासतौर से केंद्र की योजनाओं के जिक्र में पीएम आवास योजना का जिक्र कर रहे थे। यह वो योजना है जिसमें सीधे लोगों को फायदा पहुंचा है। लेकिन आप की सरकार ने सिर्फ खुन्नस निकालने के लिए इस स्कीम में रोड़े अटकाने का काम करती रही है।
जनसंपर्क अभियान पर खास जोर
बीजेपी के रणनीतिकारों का भी मानना है कि अनुसूचित जाति और झुग्गी झोपड़ियों में उसका आधार कमजोर रहा है। लेकिन उसे दूर करने की कोशिश पिछले साल से ही किया जा रहा है। अनुसूचित जाति समाज और झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के साथ सीधा संवाद जनसंपर्क के जरिए स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए दूसरे राज्यों के बड़े नेताओं की मदद ली जा रही है।
महिलाओं को साधने की कवायद
पार्टी का ध्यान बड़ी सभाओं से इतर छोटी बैठकों और नुक्कड़ बैठकों पर है। इसके सिए शक्ति केंद्र गठित किए गए हैं, शक्ति केंद्र में तीन से चार बूथ को शामिल किया गया है। आधी आबादी यानी महिलाओं को जोड़ने के लिए महिला मोर्चा की ड्रांइग रूम बैठक कर रही है। इसके तहत किसी एक घर के आसपास के महिलाओं को चर्चा में शामिल किया जाता है। इसके अलावा युवा चौपाल पर खास जोर दिया जा रहा है।