नजफगढ़ को निर्दलीय पसंद, ग्रामीण वोटर्स का बोलबाला
Najafgarh Constituency: नजफगढ़ विधानसभा पर पिछले दो बार से आप का कब्जा रहा है। लेकिन यहां निर्दलीय उम्मीदवार बीस पड़े हैं।;
Najafgarh Constituency: दिल्ली विधासभा की 70 सीटों में से एक नजफगढ़ है। इस सीट का प्रतिनिधित्व आप के कैलाश गहलोत कर रहे थे। लेकिन बीजेपी के पाले में जाने के बाद यह सीट खाली है। इस सीट पर दो दफा आम आदमी पार्टी, एक एक बार कांग्रेस और बीजेपी को जीत मिली है। सबसे अधिक तीन बार निर्दलीय यहां से जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। 1993 में यह सीट गठित की गई थी और सूरज प्रसाद पालीवाल ने बीजेपी के रन सिंह को मात दी थी। 1998 में कांग्रेस के कंवल सिंह यादव ने निर्दलीय जय किशन शर्मा को हराया। 2003 में निर्दलीय रणबीर सिंह खरब ने कांग्रेस के कंवल सिंह यादव को हराया।
चेहरे नहीं बदले, दल बदलते गए
2008 में भरत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कंवल सिंह यादव को मात दी। 2013 में बीजेपी के अजीत सिंह खरखड़ी ने इनेलो के भरत सिंह को मात दी। हालांकि 2015, 2020 में आप के कैलाश गहलोत ने पहले निर्दलीय और बाद में बीजेपी उम्मीदवार को मात दी। अगर आप 1993 से लेकर 2020 तक के कालखंड को देखें तो प्रत्याशी नहीं बल्कि दलों का झंडा बदलता रहा। कभी बिना दल के तो कभी दल का झंडा लेकर चुनावी मैदान में उतरे।
ग्रामीण वोटर्स अधिक
नजफगढ़ विधानसभा में बसावट मिली जुली है। लेकिन ग्रामीण इलाकों का दबदबा है। झरोदा कलां, सूरखपुर, डिचाऊं कला, कैर, मुंडेला खुर्द, ईसापुर, ढांसा मलिकपुर , उजवा, समसपुर, खालता, जाफरपुक कलां, सुरेहरा, खैरा बड़े गांव हैं इसके साथ ही नया बाजार, इंद्रा पार्क, गोपाल नगर अनधिकृत कॉलोनियां भी हैं। अगर वार्ड की बात करें तो कुल चार वार्ड में से तीन वार्ड पर बीजेपी का कब्जा है।
किसानी की समस्या
अगर समस्याओं की बात की जाए तो ग्रामीण आबादी अधिक है, लिहाजा उनकी परेशानी कुछ और अधिक है। मसलन खेती के लिए खाद की दिक्कत अधिक है। इलाके के लोग कहते हैं कि खाद खरीदने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। कृषि उपकरण और दूसरी चीजों के लिए किसान परेशान रहते हैं। गांवों के साथ साथ कॉलोनियों की सड़कें भी टूटी हुईं हैं। 1993 से लेकर आज की तारीख में बीजेपी, कांग्रेस और आप की सरकारें बन चुकी हैं। लेकिन परेशानी जस की तस। इलाके के लोग जब अपनी दिक्कत बयां करते हैं तो जवाब रटा रटाया कि अजी काम कर रहे हैं।