BJP का 'मिशन दिल्ली', बनाया खास प्लान! खामोशी से AAP को पछाड़ने की कवायद

Delhi election: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं. वैसे-वैसे राजनीतिक गरमाहट भी बढ़ती जा रही है. बीजेपी दिल्ली को साधने को तैयारी में जुट गई है.;

Update: 2025-01-23 18:37 GMT

Delhi Assembly election: दिल्ली में दिन बीतने के साथ ही सर्द मौसम में सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं. वैसे-वैसे राजनीतिक गरमाहट भी बढ़ती जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी के तीनों मुख्य दल आम आदमी पार्टी (AAP), बीजेपी (BJP) और कांग्रेस जी-तोड़ से प्रयास में लग गई है कि सत्ता में वापसी कर सकें. वैसे तो दिल्ली में कांग्रेस, बीजेपी (BJP) और आप (AAP) तीनों ही पार्टियां पूरी शिद्दत के साथ चुनावी जंग में उतरी हुई हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी (BJP) और आप (AAP) के बीच ही है. आप जहां दावे और वादे के साथ चुनावी बिसात बिछाने में लगी हुई है. वहीं, बीजेपी (BJP) खामोशी से दिल्ली को साधने को तैयारी में जुट गई है.

बीजेपी (BJP) की नजर खासतौर पर दिल्ली की सीमा से लगे विधानसभा सीटों पर है. जहां मुख्य रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरहद लगती है. क्योंकि, इन दोनों ही बड़े राज्यों में बहुमत के साथ बीजेपी (BJP) की सरकार है. ऐसे में बीजेपी (BJP) की कोशिश है कि बीजेपी (BJP) नीत इन राज्यों के बॉर्डर की विधानसभा सीटों को साधने की कोशिश की जाए. ऐसे में दिल्ली के बाहरी इलाकों में बदलाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है.

बीजेपी (BJP) की कोशिश है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे ग्रामीण इलाकों में बढ़त बनाई जा सके. इसी कड़ी में बीजेपी (BJP) ने इन इलाकों में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ नेताओं की रैलियों की शुरुआत की है. इसका शंखनाथ गुरुवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली से हो गया है.

स्थानीय नेताओं और सर्वे से प्राप्त फीडबैक के आधार पर बीजेपी (BJP) दिल्ली की सीमा से सटे सीटों को साधने का प्रयास कर रही है. कुछ महीने पहले पार्टी ने हरियाणा में शानदार जीत हासिल की थी. क्योंकि दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में कई जाट बहुल इलाके हैं. ऐसे में हरियाणा में बीजेपी (BJP) सरकार का असर दिल्ली में होना लाजिमी है. यही वजह है कि बीजेपी (BJP) ने जाटों को दिल्ली की आबादी के मुकाबले ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया है.

अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में जाटों की आबादी 5-6% के बीच है. वहीं, इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) ने 11 जाटों को अपना प्रत्याशी बनाया है. पार्टी को लगता है कि इस समुदाय का समर्थन उन्हें उन कई सीटों पर जीत दिलाने में मदद करेगा.

बीजेपी (BJP) का परंपरागत वोट बैंक काफी समय तक पंजाबी-बनिया रहा है. दिल्ली के व्यापारी पहले भाजपा को बड़े पैमाने पर वोट देते थे. लेकिन AAP के आने के बाद, इनमें से एक बड़ा वोटर अरविंद केजरीवाल के पास चला गया. ऐसे में बीजेपी (BJP)अब जाट-गुर्जर गठबंधन पर भी फोकस कर रही है. क्योंकि बाहरी दिल्ली की अधिकतर अधिकांश सीटों पर जाट, गुर्जर या अनुसूचित जाति का दबदबा है.

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