पटपड़गंज: एक हाई प्रोफाइल सीट, क्या AAP गढ़ बचाने में रहेगी कामयाब?
Delhi assembly election: पटपड़गंज सीट से इस बार मनीष सिसोदिया चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि तीनों की प्रमुख पार्टियों के बीच मुकाबला रोमांचक होने जा रहा है.;
Delhi Assembly election 2025: जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है. राजनीतिक दलों अपने-अपने पक्ष में हवा बनाने में जुट गई हैं. पिछली तीन बार से दिल्ली की सत्ता का स्वाद चखते आ रही आम आदमी पार्टी (AAP) का मानना है कि उसकी योजनाओं से प्रभावित होकर जनता एक बार फिर से जीत का ताज पहनाएगी. वहीं, बीजेपी और कांग्रेस भी इस बार आप के इन मंसूबों पर पानी फेरने की कवायद में जुटी हुई हैं. हालांकि, अब यह तो नये साल में ही पता चल पाएगा कि इस बार काठ की हांडी किसके सिर चढ़ती है. इस बार हम आपको हाई प्रोफाइल माने जाने वाली पटपड़गंज (Patparganj) की सीट के बारे में बताने जा रहे हैं.
पटपड़गंज सीट हमेशा से ही मीडिया और लोगों के नजरों में रहती है. क्योंकि इस सीट से आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया लगातार 3 बार से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं. हालांकि, इस बार उन्होंने यह सीट छोड़ दी है और जंगपुरा से अपनी तकदीर आजमाने जा रहे हैं. वहीं, उनकी जगह इस बार आप की तरफ से हाल ही में पार्टी ज्वाइन करने वाले कोचिंग सेंटर संचालक अवध ओझा चुनाव लड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस (Congress) ने अपने पूर्व विधायक अनिल चौधरी को फिर से एक बार मैदान में उतारा है. हालांकि, बीजेपी (BJP) ने अभी इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.
चाहे इस सीट से इस बार मनीष सिसोदिया चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि तीनों की प्रमुख पार्टियों के बीच मुकाबला रोमांचक होने जा रहा है. पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र मिक्स आबादी वाला इलाका है. इसमें ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, डीडीए फ्लैट्स, शहरी गांवों के साथ ही कॉलोनियां और बस्तियां भी शामिल हैं. कुल मिलाकर यहां किसी एक तरह की आबादी का दबदबा नहीं है.
राजनीतिक समीकरण
बीजेपी (BJP) ने साल 1993 में दिल्ली विधानसभा बनने के बाद पहली और आखिरी बार यहां से चुनाव जीता था. हालांकि, इस बार पार्टी की पूरी कवायद रहेगी कि वह इस सीट को एक बार फिर से अपने कब्जे में कर सके. वहीं, इसके बाद 10 साल तक यह सीट कांग्रेस (Congress) के कब्जे में रही. यह सीट पहले आरक्षित थी. ऐसे में यहां से पहले कांग्रेस के अमरीश गौतम और फिर अनिल चौधरी विधायक बने. हालांकि, फिर आम आदमी पार्टी (AAP) के गठन के बाद पिछले 3 बार से यह सीट उसके कब्जे में रही है. मनीष सिसोदिया ने 2015 में 28000 वोटो से यहां चुनाव जीता था. लेकिन पिछले चुनाव में महज 3000 वोट के अंतर से ही अपनी सीट बचा पाए थे.
जाति समीकरण
शहरी इलाका होने और मिक्स आबादी के चलते यहां हर जीत के लिए कोई एक फैक्टर काम नहीं करता है. इसके साथ ही कोई खास जातिगत समीकरण भी नहीं है. यहां करीब 15% पूर्वांचली और लगभग इतने ही उत्तराखंडी वोटर है. वहीं, गुर्जर वोटर की तादाद 8 से 10% और लगभग इतने दलित वोटर भी है. ओबीसी वोटरों की संख्या 20% से अधिक है तो करीब 10 से 12% ब्राह्मण और 5 से 6% मुस्लिम वोटर भी हैं.
चुनावी मुद्दे
पटपड़गंज (Patparganj) में पीने के पानी की समस्या बहुत बड़ा मुद्दा है. चाहे फिर वह झुग्गी बस्तियां हों या अनधिकृत कॉलोनियां. डीडीए फ्लैट्स हों या फिर अपार्टमेंट्स. हर जगह पानी की दिक्कत है. इसके साथ ही अनधिकृत कॉलोनी में सफाई और सीवर की समस्या भी मुद्दा है. हाई प्रोफाइल इलाका होने के बावजूद यहां एक भी बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है. जल भराव. खराब सड़क, ट्रैफिक जाम भी समस्याओं में शामिल है.