त्रिकोणीय बनी जंगपुरा की जंग, किसे मिलेगा जनता का संग ?
जंगपुरा विधानसभा सीट की बात करें तो ये दिल्ली की हॉटसीट में से एक है। वजह है मनीष सिसोदिया का आप से उम्मीदवार होना। शराब घोटाले में जेल जाने के बाद सिसोदिया ने अपनी सीट बदली है।;
By : Abhishek Rawat
Update: 2025-01-11 10:58 GMT
Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तीनों ही राजनितिक दल आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह से मैदान में उतर चुके हैं। हर कोई अपनी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा है। आरोप प्रत्यारोप का दौर चालू हैं, ऐसे में देखना ये है कि आखिर जनता किसके पक्ष में जाती है।
दिल्ली की इस सियासी जंग में आज हम बात करने जा रहे हैं जंगपुरा विधानसभा सीट की, जो इस चुनाव में काफी चर्चा में है। इसके पीछे की वजह है मनीष सिसोदिया, जो इस बार अपनी पारंपरिक सीट पटपड़गंज को छोड़ कर जंगपुरा से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
कहाँ है जंगपुरा सीट
जंगपुरा विधानसभा सीट की बात करें तो ये दक्षिणी दिल्ली जिले का एक पॉश इलाका है, जो जंगपुरा, जंगपुरा एक्सटेंशन, जंगपुरा ए, और जंगपुरा बी क्षेत्रों में विभाजित है। इस इलाके की बात करें तो ऐतिहासिक तौर पर राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है और विभिन्न दलों के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
कितने हैं मतदाता
जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहाँ कुल मतदाताओं की संख्या 1,42,634 है, जिनका विवरण इस प्रकार है:
पुरुष मतदाता: 77,244
महिला मतदाता: 65,387
थर्ड जेंडर मतदाता: 3
राजनीतिक इतिहास
इस सीट का गठन 1993 में हुआ।
1. 1993-2008:
इस अवधि में जंगपुरा पर कांग्रेस का कब्जा रहा।
2. 2013 से वर्तमान:
यह सीट आम आदमी पार्टी (AAP) के पास है।
2020 के चुनाव में AAP के प्रवीण कुमार विजयी रहे थे।
प्रवीण कुमार को 45,133 वोट मिले थे (वोट शेयर: 50.88%), जबकि बीजेपी के सरदार इमप्रीत सिंह बख्शी को 32.77% और कांग्रेस के तलविंदर सिंह मारवाह को 15.29% वोट मिले थे।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
2025 के विधानसभा चुनाव में जंगपुरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। प्रमुख उम्मीदवार:
1. मनीष सिसोदिया (AAP):
पटपड़गंज से तीन बार विधायक रहे सिसोदिया को इस बार जंगपुरा से मैदान में उतारा गया है।
AAP के लिए यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जंगपुरा को अपेक्षाकृत सुरक्षित और जिताऊ सीट माना जाता है।
2. तरविंदर सिंह मारवाह (BJP):
कांग्रेस में रहते हुए तीन बार विधायक चुने गए। मारवाह 2022 में भाजपा में शामिल हुए। अब भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। ख़ास बात ये है कि मारवाह इसी क्षेत्र से हैं, इसलिए वो ये भी कह रहे हैं कि मनीष सिसोदिया बाहरी उम्मीदवार हैं।
3. फरहाद सूरी (Congress): फरहाद सूरी की बात करें तो वो भी यहाँ के परिचित चेहरे हैं। सूरी दिल्ली के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं और इसी विधानसभा में आने वाले वार्ड से पार्षद भी रहे हुए हैं। उनकी माँ ताजदार बाबर भी कांग्रेस की बड़ी नेता थीं। फरहाद सूरी के मैदान में होने से आप के लिए मुस्लिम वोटों को पूरी तरह से अपने साथ जोड़े रखने की चुनौती है।
चुनावी समीकरण
आम आदमी पार्टी: AAP को पिछले चुनाव में बड़ी जीत मिली थी, लेकिन सिसोदिया की हालिया विवादित पृष्ठभूमि और शराब घोटाले का मुद्दा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
भाजपा: तरविंदर सिंह मारवाह के अनुभव और स्थानीय पकड़ से पार्टी को बढ़त मिलने की संभावना है।
कांग्रेस: फरहाद सूरी जैसे दिग्गज उम्मीदवार पर दांव लगाकर कांग्रेस ने खुद को मजबूत करने की कोशिश की है।
चुनौती और मुद्दे
AAP के लिए: सिसोदिया की छवि को लेकर सवाल उठाए जा सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सिसोदिया को बाहरी उम्मीदवार बता रही है।
BJP और Congress के लिए: AAP की मजबूत संगठनात्मक उपस्थिति को मात देना ही दोनों दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।