22 सीट और 8 लाख बढ़े वोटर्स में जीत का राज, यूं ही नहीं परेशान AAP

Delhi Election:दिल्ली विधानसभा 2020 के नतीजों को देखें तो कुल 22 सीटों पर जीत-हार का अंतर कम था। मतदाताओं की संख्या बढ़ने से आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ गई है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-10 08:34 GMT

Delhi Assembly Election 2025:  दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए लिए तीनों दलों आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस में जोरआजमाइश जारी है। वोटर्स को रिझाने और लुभाने का खेल भी चल रहा है। अगर 2015 के नतीजों को देखें तो आप को 67 सीट, बीजेपी को 3 सीट और कांग्रेस को शून्य सीट मिली थी। 2020 के नतीजों में आप को 68, बीजेपी को 8 और कांग्रेस को शून्य सीट मिली थी। इसका अर्थ यह हुआ कि आप की संख्या में मामूली गिरावट और बीजेपी में मामूली बढ़त हुई थी। 2020 में दिल्ली (Delhi Voters) में कुल मतदाता 1.47 करोड़ थे। लेकिन अब तस्वीर थोड़ी बदली हुई। 2025 में वोटर्स की संख्या 1.55 करोड़ हो गई है यानी 8 लाख का इजाफा। अब ये आठ लाख वोटर्स किधर जाएंगे इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। 

2025 के चुनाव की खास बात यह है कि कांग्रेस (Congress) पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है। अगर 2015, 2020 और 2024 के वोट शेयर को देखें तो इसमें बढ़ोतरी हुई है। 2024 आम चुनाव में कांग्रेस के तीन उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में थे। कामयाबी तो किसी तो नहीं मिली थी। लेकिन पार्टी 18 फीसद वोट शेयर हासिल करने में कामयाब रही। अगर तीनों लोकसभा में विधानसभा (Delhi Election 2025) की बात करें तो करीब 25 विधानसभाएं आती हैं। यानी कि अब जब कांग्रेस अलग चुनाव लड़ रही है तो इस मत प्रतिशत में अधिक कमी आएगी या यह बरकरार रहता है। इसे हम इन आंकड़ों के बाद समझने की कोशिश करेंगे। 

2020 का चुनावी मिजाज

  • सात सीटों पर जीत हार का अंतर पांच हजार से कम 
  • 15 सीटों पर फासला 10 हजार से कम
  • हर सीट पर औसतन मतदाता की संख्या में 11 हजार की बढ़ोतरी
  • 2020 में दिल्ली में मतदाता संख्या 1.47 करोड़
  • 2025 में मतदाता संख्या 1.55 करोड़
  • वोटर्स की संख्या में आठ लाख का इजाफा
  • केजरीवाल का दावा उनके निर्वाचन क्षेत्र में 13 हजार नए मतदाता
  • पांच हजार से कम अंतर वाली सात सीटों में पांच आप के खाते में, बीजेपी के पास 2
  • 10 हजार से कम अंतर वाली कुल 15 सीट, इनमें से 11 आप के खाते में बीजेपी ती झोली में 4 सीट
  • 2020 में कांग्रेस लड़ाई में नहीं थी
  • दोतरफा की जगह तीन तरफा मामला होने पर लड़ाई तीखी हो जाएगी।

संकट किस पर अधिक

अब इन आंकड़ों को देखने के बाद सहज रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संकट किस दल पर अधिक है। जानकार कहते हैं कि अगर कांग्रेस (Congress) आम चुनाव की तरह 18 फीसद मत पाने में कामयाब रही तो सबसे अधिक खतरा आम आदमी पार्टी को उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही अगर आप गौर करें तो 11 सीटें ऐसी हैं जो 10 हजार के कम अंतर से आप जीत सकी थी, यानी कि बढ़े हुए मतदाताओं का झुकाव किसी अन्य दल यानी बीजेपी (BJP)  या कांग्रेस की तरफ हुआ तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी का नुकसान होना तय है।

इसी तरह सात सीटों पर जीत हार का अंतर पांच हजार से कम था। इनमें से आप के खाते में पांच सीट है। यानी कि आप के लिए मौजूदा समय में 16 सीटों पर संकट है। अगर इसे आप की कुल 62 वाली टैली से माइनस करें तो यह संख्या 46 होती है। यानी कि मुश्किल के दौर से सबसे अधिक आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को गुजरना है, इस वजह से वोटर्स लिस्ट में धांधली का आरोप अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उनकी टीम उठा रही है। 

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