AAP ने सालों से दबाई CAG रिपोर्ट सौंप दी, कट्टर ईमानदारी या अदालत का डर
CAG Report: 7 साल बाद AAP सरकार ने कैग रिपोर्ट को एलजी दफ्तर को सौंप दिया है। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी।;
AAP Government CAG Reports: दिल्ली में आम आदमी पार्टी हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है। उसके नेताओं को कट्टर ईमानदार होने का भरोसा है, दिल्ली की जनता के लिए काम करने का भरोसा है। दूसरे दल की जनकल्याणकारी योजना उसे रेवड़ी नजर आती है लेकिन खुद की रेवड़ी में जनता का कल्याण। हालांकि यह हम बात करेंगे उनके कट्टर ईमानदार होने के दावे पर। हम बात करेंगे आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की उन तकरीरों पर जो 2014 से लगातार कह रहे हैं।
विपक्ष का कहना है कि अगर केजरीवाल इतने ईमानदार रहे होते तो 2017 से लेकर 11 दिसंबर 2024 के पहले तक कैग की रिपोर्ट विधानसभा (CAG Reports in Delhi Assembly) में क्यों नहीं पेश की। उप राज्यपाल के दफ्तर को क्यों नहीं सौंपी। यहां बता दें कि दिल्ली सरकार से संबंधित कैग रिपोर्ट को उप राज्यपाल (Delhi LG Office) की मंजूरी के बगैर विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है। अब कैग रिपोर्ट का पूरा मसला क्या है। इसे लेकर बीजेपी (BJP) का क्या रुख रहा है उसे पहले बताते हैं।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार (Aam Aadmi Party Government) पर खासतौर से अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान डीटीसी (DTC), मोहल्ला क्लिनिक (Mohalla Clinic) और स्टेट पीएसयू में कथित घोटाले की बात बीजेपी सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाती रही है। जैसा कि आप जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल 2015 से अक्तूबर के महीने तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहे। यह पूरा मामला साल 2017 से शुरू होता है। कुल 14 कैग रिपोर्ट्स लंबित है जिसमें 11 का नाता केजरीवाल (14 Pending Cag Reports) के दौर का है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका लगाई थी और एक सुनवाई हो चुकी है। इस बीच आप सरकार ने 11 दिसंबर 2024 को 12 और अगले दिन यानी 12 दिसंबर को 2 रिपोर्ट्स को उप राज्यपाल के दफ्तर भेजी। इस संबंध में उप राज्यपाल के दफ्तर ने भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह तो दिल्ली उच्च न्यायालय का डर है जिसकी वजह से आप की सरकार ने कैग की लंबित रिपोर्ट को उनके दफ्तर में पेश किया।
सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक जो दूसरे दलों के नेताओं को दागदार बताते हैं। वो खुद को पाकसाफ कैसे कहते हैं। दिल्ली की सियासत पर नजर रखने वाले कहते हैं कि 2025 का चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए आसान नहीं है। जाहिर सी बात है कि जब आप दूसरे राजनीतिक दलों से नैतिकता के उच्चतम मानदंड की अपेक्षा करेंगे तो विरोधी दल आपसे अपेक्षा करेगा। एक टीवी कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari North East Delhi MP) ने कहा कि आप का कामकाज इतना अच्छा है कि जहरीली हवा (Delhi Air Pollution) में लोग सांस लेते हैं। कूड़े के पहाड़ साल दल साल खड़े होते गए। यमुना की सफाई (Yamuna Cleaning Plan) का हाल आप देख लीजिए। लोगों के नल में नालों का पानी आ रहा है। मोहल्ला क्लिनिक की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है। आप कह सकते हैं कि आप की सरकार घोटालों की सरताज है। अगर सबकुछ पाक साफ है तो कैग की रिपोर्ट पेश करने में क्या दिक्कत है। यानी कि बीजेपी का कहना है कि कांठ की हांडी एक ही बार चढ़ती है। इन लोगों के काले कारनामे को जब हम बाहर ला रहे हैं तो बौखलाहट बढ़ गई।
सियासी पंडितों का कहना है कि कोई भी राजनीतिक दल अपने कारनामों पर पर्दा डालने के लिए तरह तरह के तर्कों और कुतर्कों का सहारा ले सकती है। लेकिन हकीकत यह है कि विपक्ष के पास कैग रिपोर्ट का मामला इतना बड़ा हथियार साबित हुआ कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी और आतिशी की सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा ताकि दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) में बीजेपी के धारदार सवालों का जवाब देने की गुंजाइश बनी रहे।