शीशमहल में गड़बड़झाले पर CAG रिपोर्ट, एस्टिमेट 7 करोड़ खर्च हुए 33 करोड़

Sheesh Mahal Kejriwal: दिल्ली सीएम के आधिकारिक आवास पर खर्च के बार में CAG ने रिपोर्ट दिल्ली के एलजी को सौंप दी है। इसमें AAP सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-06 05:59 GMT

CAG Report on Sheesh Mahal:  दिल्ली की राजनीति में शीशमहल की चर्चा खूब होती है। वैसे तो आधिकारिक तौर पर इस तरह की कोई इमारत नहीं है। लेकिन बीजेपी के नेता 6 फ्लैगस्टॉफ रोड स्थिति आवास को शीश महल कहते हैं। इस आवास में दिल्ली के पू्र्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi Ex CM Arvind Kejriwal) रहा करते थे। सवाल ये है कि सीएम के आधिकारिक आवास को शीश महल नाम क्यों दिया गया। अब जब कैग (CAG Report)की रिपोर्ट सामने आ चुकी है तो सियासत भी गरम है। यहां हम आपको बताएंगे कि कैग की रिपोर्ट ने किस तरफ इशारा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक सीएम रेजिडेंस को दुरुस्त करने के लिए अनुमानित खर्च 7.9 करोड़ रुपए था। लेकिन 33 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की अनुमान है,यानी खर्च साढ़े चार गुना से अधिक हुआ।रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि सीएम आवास में जो सुख सुविधा के सामान जुटाए गए उस पर कितना खर्च हुआ। जैसे 88 इंच OLED टीवी (8K LG) को 28 लाख रुपए में खरीदा गया, 10 दूसरी OLED टीवी (4K Sony) को 43 लाख रुपए खर्च किया गया। सैमसंग फ्लेक्स फैमिली हब फ्रेंच मल्टीडोर रेफ्रिजरेटर की खरीद 3.2 लाख रुपय, माइक्रोवेव ओवन की खरीद 1.8 लाख, दो स्टीम ओवन की खरीद 6.5 लाख रुपए, फ्रंट लोडिंग वॉशिंग मशीन 1.9 लाख, 10 बेड और सोफा 13 लाख में खरीदे गए।

लोक निर्माण विभाग ने जकुजी, सौना और स्पा को 19.5 लाख में इंस्टाल कराया। इसके अलावा सात सर्वेंट क्वार्टर बनाने में 19.8 लाख रुपए खर्च किए गए। कैग की रिपोर्ट में मार्च 2022 तक किए गए खर्च को दिखाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सीएम के आवास पर काम 2023 के मध्य तक किया गया। इससे यह पता चलता है कि जितना खर्च अनुमानित था उससे कहीं अधिक व्यय हुआ। बताया जा रहा है कि कैग ने जो अपनी रिपोर्ट बनाई है वो आंशिक है. इस संबंध में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से रिकॉर्ड्स को मांग गया लेकिन उसे मुहैया नहीं कराया गया। कैग ने बताया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल को रिपोर्ट पेश की गई है।

कुछ ऐसा है सीएम आवास

  • 6 फ्लैग स्टॉफ रोड स्थित सीएम का आधिकारिक आवास 21 हजार वर्ग फुट में है।
  • इसमे आठ बेडरूम, तीन मीटिंग रूम दो ड्ऱाइंग रूम, दो किचेन, एक डाइनिंग हॉल और 12 टॉयलेट हैं।
  • तीन मंजिला इस इमारत में कुल 24 सोफा सेट, 76 टेबल, आठ बेड, पांच रिक्लाइनर सोफा जिसमें हर एक की कीमत करीब 80 हजार रुपए है।
  • लोक निर्माण विभाग द्वारा 11 अक्तूबर 2024 की तारीख में उपलब्ध सामानों के लेखा जोखा में 75 बॉस सीलिंग स्पीकर्स, 50 इनडोर एसी जो किचेन, टॉयलेट्स, वॉशिंग एरिया और जिम में हैं।

और क्या है जानकारी

कैग की ऑडिट में यह भी पता चला है कि कई पैमाने पर अनियमितता मिली है, खास बात ये कि लोकनिर्माण विभाग की तरफ से चार बार एस्टिमेट संशोधित किया गया। लोक निर्माण विभाग ने 25.8 करोड़ के काम के लिए टेंडरिंग कराने की संभावना पर ध्यान नहीं दिया। कैग की रिपोर्ट में इस बिंदू पर भी सवाल उठाया गया है जिसमें स्टॉफ ब्लॉक के लिए 19.8 करोड़ रुपए जो आवंटित किए गए थे उन्हें सर्वेंट क्वार्टर के लिए कैसे आवंटित किया गया जिसका मूल काम से किसी तरह का संबंध ही नहीं था।

कैग ने इसके साथ ही तीन कंसल्टेंसी फर्म के चयन पर भी सवालिया निशाना लगाया है। लोक निर्माण विभाग के बारे में कहा गया कि उसने कंसल्टेंसी फर्म के चयन के आधार को नहीं बताया है। यहीं नहीं निर्माण के दौरान विभाग ने टेंडरिग काम को रोका और निर्माण कार्य में शामिल होने के लिए सिर्फ पांच ठेकेदारों को ही मौका दिया। 

बीजेपी का क्या कहना है

कैग की रिपोर्ट के बाद बीजेपी हमलावर है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि 33.66 करोड़ का खर्चा फिगर मात्र है, असली लागत का अंदाजा नहीं है, कैग रिपोर्ट में सबसे अधिक आपत्ति सीएम के लिए आवास कैटेगरी तय करना, फिर उसे बढ़ाना, आपातकालीन आवश्यकता के तौर पर घोषित करना, काम को कभी स्थाई तो कभी अस्थाई बताना, स्टॉफ ब्लॉक से लेकर सर्वेंट क्वार्टर निर्माण के नाम पर हेरफेर शामिल है। सीएजी ने डीयूएसी और दिल्ली नगर निगम की स्वीकृत के बगैर निर्माण पर सवाल उठाए हैं जिसे रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 139 पर अंकित भी किया है। 

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