61 फीसद नए चेहरों पर कांग्रेस का दांव, क्या 'हाथ' में आएगी दिल्ली
Congress Candidate List: कांग्रेस पार्टी ने 70 में से कुल 47 सीटों के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया है। खास बात यह है कि 61 फीसद नए चेहरों को मौका मिला है।;
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा का चुनाव साल 2025 में होना है। लेकिन बात 1998 से करेंगे। प्याज के मुद्दे पर बीजेपी (BJP) की दिल्ली की गद्दी से विदाई हो चुकी थी और कांग्रेस को शासन करने का मौका मिला। सरकार की मुखिया शीला दीक्षित हुईं। उनकी अगुवाई में कांग्रेस 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई। लेकिन दिल्ली की सियासत में आंदोलन से निकली पार्टी यानी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया और 28 सीट भी जीत ली। जिस कांग्रेस (Congress) के हाथ में दिल्ली की सत्ता कैद रही वो सत्ता फिसल गई और इस फिसलन की रफ्तार इतनी तेज कि 2015 और 2020 में कांग्रेस के अस्तित्व पर संकट उठ खड़ा हुआ। 2013 से दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस बाहर है। लेकिन 2025 में कांग्रेस को उम्मीद नजर आ रही है, लिहाजा कैंडिडेट के ऐलान में किसी तरह की खामी ना हो इसका खास ख्याल रखा गया है।
कांग्रेस ने 70 में से 47 सीटों के नाम का ऐलान किया है। अगर इस लिस्ट पर ध्यान दें तो आप के कुछ नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा गया है। इसके साथ ही 61 फीसद उम्मीदवार नए हैं उन्हें पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिल रहा है। रिठाला (Rithala Sushant Mishra) से सुशांत मिश्रा, शकूरबस्ती से सतीश लुथरा, मंगोलपुरी (Mangolpuri Hanuman Chouhan) से हनुमान चौहान, त्रिनगर से सत्येंद्र शर्मा,मोतीनगर से राजेंद्र नामधारी, मटियाला से रघुविंदर शौकीन दिल्ली कैंट से प्रदीप कुमार उपमन्यू, राजेंद्र नगर (Rajendra Nagar Vineet Yadav) से विनीत यादव को मौका मिला है।
संगम विहार से हर्ष चौधरी, गोकलपुर से प्रमोद कुमार जयंत, करावल नगर डा पी के मिश्रा, लक्ष्मी नगर से सुमित शर्मा को मौका मिला है। ये सभी लोग चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। कांग्रेस ने इस दफा आप से आए कुछ चेहरों को भी जगह दी है। मटिया महल से असीम अहमद खान है। वो 2015 से 2020 के बीच आप के विधायक रहे हैं। सीलमपुर से आप विधायक रहे हाजी मोहम्मद इशराक खान को मौका दिया है। आदर्श शास्त्री को द्वारका से टिकट दिया। इसके अलावा दिग्गजों को भी मौका मिला है। मुकेश शर्मा को उत्तम नगर, राजेश लिलोठिया को टिकट मिला है।
सियासत के जानकार कहते हैं कि आप आदमी पार्टी के उभार से कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों को नुकसान हुआ। लेकिन कांग्रेस पर अधिक प्रभाव पड़ा। उदाहरण के लिए 2020 में कांग्रेस के खाते में महज 4 फीसद वोट आए। लेकिन सीट से मरहूम रहे। कांग्रेस को लगता है कि अगर इस बार पूरी ताकत से चुनाव नहीं लड़े तो जमीनी तौर पर पार्टी और कमजोर हो जाएगी। कार्यकर्ताओं में जोश की और कमी हो जाएगी। लिहाजा युवा चेहरों को मौका दिया गया है। जमीन पर कांग्रेस जितनी मजबूती से लड़ेगी उसका असर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पर होगा। भले ही कांग्रेस को सीट ना मिले या एकाध सीट से संतोष करना पड़े। लेकिन कार्यकर्ताओं के जोश में बढ़ोतरी होगी जिसका फायदा पार्टी को आगे मिलेगा।