AAP की रेवड़ियो से खजाने का निकला दम,10 साल में सब्सिडी में 600 % इजाफा

रेवड़ी कल्चर का असर सरकारी खजाने पर कैसे पड़ता है,उसका नायाब उदाहरण दिल्ली है,आप सरकार की फ्री स्कीम की वजह से पिछले 10 साल में सब्सिडी बिल 600 फीसद बढ़ी है।;

By :  Lalit Rai
Update: 2025-01-15 06:37 GMT

Delhi Assembly Election 2025:  भारत की सियासत में मुफ्त वाली संस्कृति नई नहीं है। कमोबेश राजनीतिक फायदे के लिए सभी दल इसे अचूक फॉर्मूला मानते हैं, कहींं कारगर तो कहीं फायदा भी मिला है। लेकिन कोई सियासी चेहरा जब खुद को मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से अलग बताता हो तो उससे अलग तरह की उम्मीद होती है। यहां हम बात एक ऐसे दल आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की करेंगे जो दिल्ली की सूरत और सीरत बदलने की बात किया करता था। जनता ने उस दल और शख्स यानी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सराहा और सहारा भी। दिल्ली की गद्दी पर बैठाया। लेकिन गद्दी पर बैठने के बाद वो उसी रंग में रंगा नजर आया जिससे वो दूर रहने की बात करता था। दिल्ली वालों की मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त यात्रा, मुफ्त स्वास्थ्य की सौगात दी। लेकिन उसकी कीमत सुन आप हैरत में पड़ जाएंगे क्योंकि उसका भुगतान तो आम टैक्सपेयर को ही करना है।

आप की मुफ्त वाली राजनीति
आप सरकार की मुफ्त वाली राजनीति का असर यह हुआ है कि पिछले 10 साल में सब्सिडी बिल में 10, 20 , 50 फीसद नहीं 600 फीसद का इजाफा हुआ है। यानी कि जिन दिल्ली वालों को आप की सरकार मुफ्त वाला सौगात दे रही उसकी कीमत जान भी आपका चौंकना लाजिमी है, पिछले तीस साल में पहले बार अनुमान लगाया जा रहा है कि 2025-26 के अंत दिल्ली सरकार को राजस्व घाटे का सामना करना पड़ेगा। 

सब्सिडी बिल पर इजाफा
2014-15 के दौरान सब्सिडी बिल 1554.72 करोड़ थी। लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 10995.34 करोड़ पर पहुंच चुका है यानी कि करीब 607 फीसद की वृद्धि हुई है। 2014-15 के बीच दिल्ली में करीब एक साल तक राष्ट्रपति शासन था। दिल्ली की सरकार 9 विभागों की 27 योजनाओं पर सब्सिडी दे रही है। इसमें मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा है।

फ्री बिजली, फ्री पानी फ्री बस सेवा 
2015 में जब आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई तो 20 हजार लीटर मुफ्त पानी हर महीने , 200 यूनिट फ्री बिजली, ऐसे ग्राहक जो 201- 400 यूनिट तक बिजली खर्च करते थे उन्हें 50 फीसद सब्सिडी दी जाने लगी। 2014-15 में बिजली पर सब्सिडी बिल 291.94 करोड़ रुपए था। लेकिन एक वित्तीय वर्ष में इस बिल में करीब 394 फीसद का इजाफा हो गया जो करीब 1442 करोड़ थी।

इतने विभाग में इतनी स्कीम

पॉवर सब्सिडी में सबसे अधिक इजाफा हुआ क्योंकि इसे ज्यादा ग्राहक लाभान्वित हुए। 2024 तक आते आते इस मद में 3600 करोड़ की सब्सिडी देनी पड़ी और इसमें करीब 1113 फीसद का इजाफा हुआ। इसी तरह की तस्वीर दूसरी स्कीम में भी है। 2014-15 में दिल्ली जल बोर्ड ने सब्सिडी के तौर पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस वित्त वर्ष में यह 500 करोड़ के स्तर पर है जो 10 साल में बढ़कर करीब 2300 फीसद हो गया। इसी तरह डीटीसी में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर सब्सिडी करीब 44 करोड़ से बढ़कर 200 करोड़ के स्तर पर है।

मौजूदा समय में दिल्ली की सरकार शिक्षा विभाग में 6 स्कीम, सोशल वेलफेयर में एक स्कीम, ट्रांसपोर्ट विभाग में 6 स्कीम, फूड सिविल सप्लाई में की दो दो स्कीम इंडस्ट्री और पावर डिपार्टमेंट की एक एक स्कीम में सब्सिडी दे रही है। पर्यावरण विभाग में चार, नगर विकास में तीन स्कीम है। इन स्कीम से खजाने पर बोझ और बढ़ेगा।

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