पूर्वी दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीट 'गांधी नगर', कांग्रेस का गढ़ रहे इस इलाके पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा

Gandhi Nagar: द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज गांधी नगर को जानने की कोशिश करते हैं.;

Update: 2025-01-05 14:28 GMT

Delhi Assembly election: दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सभी पार्टियों ने इसके लिए जमकर तैयारियां कर ली है. जिस विधानसभा क्षेत्र से पार्टियों ने उम्मीदवार घोषित कर दिए है, वे लोगों से मिलने के लिए क्षेत्र मेंजाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं. 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए फरवरी में वोट डाले जाने हैं. हालांकि, इसके लिए आगामी कुछ दिनों में चुनाव आयोग की तरफ से आधिकारिक घोषणा भी हो जाएगी. ऐसे में द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज गांधी नगर (Gandhi Nagar) को जानने की कोशिश करते हैं.

पूर्वी दिल्ली में आने वाली गांधी नगर (Gandhi Nagar) विधानसभा सीट काफी समय तक कांग्रेस (Congress) का गढ़ रही. इस सीट पर कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली ने सबसे ज्यादा समय तक विधायक बनने का खिताब बनाया. हालांकि, इसके बाद साल 2015 में आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस सीट पर जीत दर्ज की और कांग्रेस (Congress) के विजय अभियान पर रोक लगाया. हालांकि, फिर साल 2020 में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई.

गांधी नगर (Gandhi Nagar) विधानसभा सीट यमुना पार की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां एशिया का सबसे बड़ा रेडीमेड गारमेंट और टेक्सटाइल का बाजार है. साल 1993 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ और बीजेपी के दर्शन कुमार बहल ने जीत हासिल की थी. इसके बाद कांग्रेस (Congress) के अरविंदर सिंह लवली 1998 से लेकर 2013 तक लगातार इस सीट पर जीत दर्ज की. साल 2015 में यह सीट आप (AAP) के खाते में चली गई और अनिल कुमार बाजपेई ने यहां जीत हासिल की. हालांकि, इसके बाद वह साल 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और इस सीट पर जीत हासिल की.

स्थानीय समस्या

बाजारों में पार्किंग की समस्या, मुख्य सड़कों पर कूड़े के ढेर, ट्रैफिक जाम, अतिक्रमण और नालियों में जल भराव यहां की प्रमुख समस्या है. स्थानीय लोगों के अनुसार, इलाके में काफी समय से गंदा पानी आ रहा है. लोग पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं. गांधीनगर (Gandhi Nagar) कपड़ा बाजार में पार्किंग जाम और अतिक्रमण बड़ी समस्या है. इलाके में लोग सालों से ट्रैफिक जाम से जूझ रहे हैं. वहीं, बढ़ती आबादी के हिसाब से विकास नहीं हो पाया है.

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