दिल्ली का मशहूर करोल बाग, ट्रैफिक जाम की समस्या से रोज जूझती जनता

Karol Bagh assembly constituency: करोल बाग विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर साल 2013 से लेकर अब तक आप जीतते आ रही है.;

Update: 2025-01-04 10:22 GMT

Delhi Assembly election: दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही सभी पार्टियों ने इसके लिए जमकर तैयारियां कर ली है. जिस विधानसभा क्षेत्र से पार्टियों ने उम्मीदवार घोषित कर दिए है, वे लोगों से मिलने के लिए क्षेत्र मेंजाकर अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं. 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए फरवरी में वोट डाले जाने हैं. हालांकि, इसके लिए आगामी कुछ दिनों में चुनाव आयोग की तरफ से आधिकारिक घोषणा भी हो जाएगी. ऐसे में द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज करोल बाग (Karol Bagh) को जानने की कोशिश करते हैं.

दिल्ली में करोल बाग (Karol Bagh) एक अहम इलाका है. यह वह क्षेत्र को जो पूरे देश में मशहूर है. हो भी क्यों न. क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र के तहत पहाड़गंज जैसा इलाका आता है. जहां देश-विदेश से दिल्ली घूमने आने वाले लोग होटल में ठहरते हैं. क्योंकि, यहां बजट होटल की भरमार है. वहीं, देश का फेमस नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भी इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है. इसके साथ ही इलेक्ट्रोनिक प्रोडक्ट के लिए मशहूर एशिया का फेमस गफ्फार मार्केट भी यहां है.

करोल बाग (Karol Bagh) विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर साल 2003 से 2013 तक बीजेपी का कब्जा रहा था. वहीं, साल 1998 में यह सीट कांग्रेस के पास थी. हालांकि, साल 2013 से लेकर अब तक इस सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) का कब्जा रहा. यहां से आप के विशेष रवि लगातार विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं.

साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान यह इलाका काफी चर्चा में रहा था. करोल बाग (Karol Bagh) में जल बोर्ड मुख्यालय के अलावा दो सरकारी अस्पताल और दो सरकारी कॉलेज हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान यहां कुल 1,08,339 वोटर थे.

स्थानीय मुद्दे

इस विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सड़कों की हालत बेहद खराब है. बारिश में पानी सड़कों पर बने गढ़ों में भर जाता है. इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. क्षेत्र में पानी की सप्लाई बेहद गंदी है. पानी आने का कोई निर्धारित समय नहीं है और जो पानी आता है वह भी पीने लायक नहीं होता. सब्जी मंडी में साफ सफाई नहीं होती. अतिक्रमण के कारण पूरे बाजार से गाड़ियों के निकलने की जगह नहीं बचती और जाम की दिक्कत बने रहती है.

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