कोंडली विधानसभा में समस्याओं का अंबार, इस बार जनता किसको देगी मौका?
Delhi Election: द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज कोंडली विधानसभा सीट को जानने की कोशिश करते हैं.;
Kondli assembly constituency: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी मुख्य राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. सभी पार्टियां जनता को अपने पक्ष में करने के लिए कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहती है. वहीं, एक-दूसरे को विभिन्न मुद्दों पर घेरने से भी गुरेज नहीं कर रही है. हालांकि, अब तो यह वक्त ही बताएगा कि आने वाले समय में दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा. लेकिन जैसे-जैसे पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही हैं. वैसे-वैसे प्रत्याशियों ने भी अपने क्षेत्रों में जाकर चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है. ऐसे में द फेडरल आपको राजधानी के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से रूबरू करा रहा है. इसी कड़ी में आज कोंडली विधानसभा सीट (Kondli) को जानने की कोशिश करते हैं.
कोंडली (Kondli) विधानसभा सीट परिसीमन के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी. परिसीमन के बाद पहली बार हुए चुनाव में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. वहीं, उसके बाद से लगातार यहां आम आदमी पार्टी (AAP) चुनाव जीतते आ रही है. वहीं, बीजेपी का यहां अभी तक खाता भी नहीं खुल पाया है. ऐसे में इस बार बीजेपी को यहां से एक अदद जीत की दरकार है, ताकि अपने हार के सूखे को समाप्त कर सके.
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के अमरेश सिंह गौतम ने भाजपा के दुष्यंत गौतम को हराकर जीत हासिल की थी. वहीं, साल 2013 और 2015 के चुनाव में आप (AAP) के मनोज कुमार लगातार दो बार विजय हुए थे. इसके बाद साल 2020 के चुनाव में आप (AAP) ने कुलदीप कुमार को टिकट दिया. उन्होंने भी पार्टी को निराश न करते हुए इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार भी आप (AAP) ने कुलदीप कुमार पर भरोसा जताया है.
साल 2024 के लोकसभा मतदाता संख्या
साल 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने मतदाताओं की जो सूची जारी की थी. इसके तहत कुल 1,91,825 मतदाता रजिस्टर्ड हैं. इनमें पुरुषों की संख्या 1,02,756 और महिला 89,055 हैं. वहीं, ट्रांसजेंडर की संख्या 14 है.
स्थानीय मुद्दे
क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा अतिक्रमण का है. मुख्य मार्ग पर अवैध पार्किंग बनी हुई है. इस कारण अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. सड़कों पर कूड़े का अंबार लगा रहता है. इलाके में टूटी वह जर्जर सड़कों की समस्या है. जो हादसों को दावत देती हुई नजर आती है. सड़कों पर बने गड्ढों में बरसात के दिनों में पानी भर जाता है. ऐसे में राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.