दिल्ली चुनाव : मुस्लिम वोट है पाना कांग्रेस का आप पर निशाना

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पिछले पांच सालों में मुसलमानों के साथ जो भी गलत हुआ, उसमें आप ने भाजपा का साथ दिया।;

Update: 2025-02-01 13:01 GMT

Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी खोयी हुई जमीन वापस पाने के लिए लड़ाई लड़ रही है। आलम ये है कि कांग्रेस सबसे पहले मुस्लिम वोट बैंक को लेकर काफी ज्यादा गंभीर दिख रही है। यही वजह भी है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राहुल गाँधी ने जिन भी इलाकों में रैली की है, वो उन इलाकों में की, जहाँ पर मुस्लिम वोट बैंक की संख्या बेहद ज्यादा है। इसी क्रम में शनिवार को कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए अलग अलग बिंदु रखे और ये दावा किया कि इन सभी को आम आदमी पार्टी ने नज़रअंदाज किया और मुस्लिमों की अनदेखी की।


कांग्रेस की तरफ से मुसलामानों को किया दिया गया सन्देश

इमरान प्रतापगढ़ी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) पर अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अरविंद केजरीवाल सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया और जब भी उन्हें सरकार से समर्थन की जरूरत पड़ी, तब AAP नेतृत्व नदारद रहा।
प्रतापगढ़ी ने यह भी कहा कि AAP ने मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक प्रतिनिधित्व से भी वंचित रखा, जिसका उदाहरण उन्होंने दिल्ली और पंजाब में राज्यसभा सांसदों के चयन में किसी भी मुस्लिम या दलित को मौका न देने से दिया।

AAP और भाजपा की मिलीभगत का आरोप
प्रतापगढ़ी ने आरोप लगाया कि AAP, भाजपा के साथ मिलकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ खड़ी नजर आती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अल्पसंख्यक अब अरविंद केजरीवाल की नीतियों से नाखुश हैं और आगामी चुनाव में उन्हें सबक सिखाने का मन बना चुके हैं।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि AAP केवल चुनावी फायदे के लिए अल्पसंख्यकों की राजनीति करती है, लेकिन असल में उनके हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं करती। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अल्पसंख्यक अब जागरूक हो चुके हैं और आगामी चुनाव में आम आदमी पार्टी को इसका जवाब देंगे।
उन्होंने AAP सरकार और अरविंद केजरीवाल से पांच प्रमुख सवाल पूछे, जो अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को लेकर थे:

1. जहांगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा पर चुप्पी क्यों?

जहांगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के बाद अरविंद केजरीवाल ने न तो प्रभावित इलाकों का दौरा किया, न ही पीड़ितों के पक्ष में कोई ठोस बयान दिया। AAP सरकार ने हिंसा प्रभावित समुदायों की समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाए?

2. बिलकिस बानो मामले पर AAP की चुप्पी

बिलकिस बानो मामला देश की संवेदनाओं को झकझोर देने वाला था, लेकिन तब AAP नेताओं ने इस पर न कोई बयान दिया और न ही न्याय के लिए आवाज उठाई। क्या यह दर्शाता है कि AAP न्याय और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर गंभीर नहीं है?

3. CAA और NRC विरोध के दौरान शाहीन बाग प्रदर्शन पर AAP का रुख

शाहीन बाग में CAA और NRC के खिलाफ ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन हुआ था, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इसे "खाली कराने" का बयान देकर प्रदर्शनकारियों की वैधता पर सवाल उठा दिया। क्या AAP नागरिक स्वतंत्रता और विरोध की आवाजों को दबाने की पक्षधर है?

4. निजामुद्दीन मरकज मामले में एकतरफा कार्रवाई क्यों?

कोरोना महामारी के दौरान AAP सरकार ने निजामुद्दीन मरकज के मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दे दिया, जिससे एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया गया। सरकार ने इस विभाजनकारी नैरेटिव के खिलाफ क्या किया?

5. AAP विधायक नरेश यादव की सजा पर पार्टी की चुप्पी क्यों?

AAP विधायक नरेश यादव को पवित्र कुरान की बेअदबी के मामले में दोषी ठहराया गया, फिर भी पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। AAP ऐसे विभाजनकारी लोगों को पार्टी में बनाए रखने को कैसे सही ठहरा सकती है?


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