पीएम मोदी द्वारा की गयी आलोचना को केजरीवाल क्यों बता रहे हैं दिल्ली की जनता के लिए गाली

अरविन्द केजरीवाल जिनकी राजनीती ही दूसरों की आलोचना से शुरू हुई वो इस चुनावी मौसम में अपनी और दिल्ली सरकार की आलोचना को सहन करने की बजाये दिल्ली की जनता के जज्बातों से खेलने का प्रयास कर रहे हैं।;

Update: 2025-01-05 17:55 GMT

Delhi Vidhansabha Election 2025: क्या दिल्ली की आप सरकार और केजरीवाल की आलोचना दिल्ली की जनता को गाली है। केजरीवाल खुद की आलोचना को दिल्ली की जनता के लिए गाली बता रहे हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे उन्होंने एक समय पर खुद को दिल्ली का मालिक बताया था। ये दूसरा मौका रहा जब अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद न केवल प्रेस कांफ्रेंस की बल्कि अपनी और दिल्ली सरकार की आलोचना को दिल्ली की जनता के लिए गाली बताया। क्या अरविन्द केजरीवाल अपने इस पैतरे को दिल्ली वालों के दिल से या कहें की जज़्बात से खेलने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।


समझते हैं केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन और दिल्ली से जुड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर विकास के मुद्दों को नजरअंदाज कर केवल उनकी और उनकी सरकार की आलोचना करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने इस आलोचना को दिल्ली की जनता का अपमान करार दिया और जोर दिया कि उनकी सरकार ने संघर्षों के बावजूद दिल्ली के विकास को प्राथमिकता दी।

केजरीवाल ने डबल इंजन सरकार की जरुरत को बताया गैर जरुरी

प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली से जुड़ी तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया:
1. साहिबाबाद से दिल्ली को जोड़ने वाली RRTS (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम)।
2. जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क तक मेट्रो का विस्तार।
3. रिठाला मेट्रो से सोनीपत तक नई मेट्रो लाइन का शिलान्यास।
इन परियोजनाओं का स्वागत करते हुए केजरीवाल ने कहा,
"यह दिखाता है कि हमारी सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए कितनी मेहनत की है। ये उद्घाटन इसलिए संभव हो सके क्योंकि हमने केंद्र के साथ मिलकर काम करने के लिए कई बार संघर्ष किया। दिल्ली के विकास को पार्टी की राजनीति से ऊपर रखा।"
'डबल इंजन सरकार की जरूरत नहीं, काम करने की जरूरत है'

अपनी आलोचना को बताया गाली

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री 38 मिनट बोले, जिसमें 29 मिनट उन्होंने मुझे, दिल्ली सरकार और दिल्ली की जनता को गालियां दीं। इससे क्या हासिल होगा? जनता को ये समझना चाहिए कि दिल्ली के विकास में हमने जो काम किया है, वह सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए था।"
उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किए:

"2020 के संकल्प पत्र में किए वादे कब पूरे होंगे?"

"दिल्ली के किसानों को मालिकाना हक क्यों नहीं दिया गया?"

"2041 मास्टर प्लान अब तक लागू क्यों नहीं किया गया?"

"लैंड पूलिंग नीति 2018 में घोषित हुई, लेकिन अब तक लागू क्यों नहीं हुई?"

'हमने जनता के लिए संघर्ष किया'
केजरीवाल ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनकी सरकार के कई मंत्रियों और नेताओं को झूठे आरोपों में जेल भेजा गया। उन्होंने कहा, "मुझे, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह जैसे आप पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जेल भेजा गया, लेकिन हमने इसे निजी लड़ाई नहीं बनाया। हमने जनता के काम को प्राथमिकता दी और किसी भी तरह से विकास परियोजनाओं को पूरा किया।"

केंद्र सरकार पर लगाया काम में बाधा डालने का आरोप
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी सरकार के काम में बाधाएं डालीं, लेकिन उन्होंने जनता के लिए झुकने और संघर्ष करने से कभी परहेज नहीं किया। "हमने दिल्ली के विकास के लिए संघर्ष किया, पैर भी पकड़े और कभी-कभी लड़ाई भी की, लेकिन जनता के हितों को आंच नहीं आने दी।" समझने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री ने रोहिणी स्थित रैली में ये कहा था कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की कई जनयोजनाओं को दिल्ली की जनता तक नहीं पहुँचने दिया, इसलिए डबल इंजन की सरकार जरुरी है।

प्रधानमंत्री पर झूठे वादों का आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री झूठे वादे कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी अपने भाषणों में झूठे वादे करते हैं। जब आप दिल्ली के किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं कर सकते, तो यहां आकर वोट मांगने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं? काम बताइए, गालियां नहीं।"

दिल्ली के देहात क्षेत्रों की अनदेखी का आरोप 
केजरीवाल ने दिल्ली के ग्रामीण इलाकों के मुद्दों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली देहात के किसानों को उनकी जमीन का मालिकाना हक देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है। उन्होंने डीडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिग्रहित जमीन के बदले किसानों को अब तक प्लॉट नहीं दिए गए।

जनता के लिए काम करेंगे, संघर्ष जारी रहेगा
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में साफ कहा कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली के लोगों के लिए काम करना है। उन्होंने कहा, "हम दिल्ली के लोगों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। केंद्र सरकार चाहे जितनी बाधाएं डाले, हम जनता के लिए संघर्ष करना जारी रखेंगे।"

जनता किसे अपनाती है किसे सिखाती है सबक
अब ये समय ही बतायेगा कि जनता किसे अपनाएगी और किसे सबक सिखाएगी। अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान के जरिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। उन्होंने विकास कार्यों का श्रेय अपनी सरकार को दिया और केंद्र पर वादों को अधूरा छोड़ने का आरोप लगाया।
गौर करने वाली बात ये है कि आलोचना की राजनीती करने वाले केजरीवाल खुद की आलोचना को सेहन करने की बजाये उसे गाली क्यों बता रहे है?



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