डॉक्टर के बाद बनीं IAS Officer, ऐसी है डॉ नेहा की कहानी

After becoming a doctor she became an IAS officer this is the story of Dr Neha

Update: 2024-11-06 03:06 GMT

यूपीएससी की परीक्षा भारत में सबसे टफ और कठिन परीक्षाओं में एक है. परीक्षा में आने वाले जबरदस्त कठिन सवाल के बावजूद उम्मीदवार इसे हल करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. इन्हीं उम्मीदवारों में से एक हैं डॉ. नेहा राजपूत. 26 साल की डॉ. नेहा का सफर भी काफी लोगों को प्रेरणा देता है. उन्होंने 6 सालों तक किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉक्टर की नौकरी की है. नेहा राजपूत ने साल 2024 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं में ऑल इंडिया रैंक 51 हासिल की हैं.

नेहा ने 2016 में एमबीबीएस बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी में एडमिशन लिया था. उन्होंने परेल में बीएमसी द्वारा केईएम अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी की. एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने और इंटर्नशिप करने के बाद, डॉ. राजपूत को फोरेंसिक डिपार्टमेंट में तैनात किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिए गए इंटरव्यू में डॉ. नेहा राजपूत ने कहा कि मरीजों का इलाज करते-करते उनको एक गहरा जुनून पैदा हो गया. नेहा राजपूत को जल्द ये एहसास हुआ कि उन्हें कुछ और हटके करना है अपने जीवन में. कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हें लगा कि कुछ ऐसा किया जाना चाहिए जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर काम करने और लोगों की मदद करने में संतुष्टि हो. इसलिए उन्हें सिविल सर्वेंट बनने के बारे में सोचा और आगे बढ़ गई. उन्होंने कहा कि जैसे ही मेडिकल में उनकी इंटर्नशिप खत्म हुई थी. उन्होंने यूपीएससी सीएसई की तैयारी शुरू कर दी थी.

अपनी कठिन मेडिकल पढ़ाई के बावजूद डॉ. नेहा राजपूत ने अटूट दृढ़ संकल्प के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू की और समय की कमी को ध्यान में रखते हुए. उन्होंने टैबलेट कोर्स किया था. यूपीएससी परीक्षा पास करने में उन्हें अपने परिवार, दोस्तों और बाकी लोगों से काफी मदद मिली.

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