मां का सपोर्ट बना सफलता की कुंजी, बेटी बनी IAS अधिकारी

UPSC सफलता की कहानी जिसमें मैकेनिक की बेटी बनी IAS अधिकारी.;

Update: 2025-03-20 08:03 GMT

IAS रेना जमील की कहानी संघर्ष, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है. एक साधारण परिवार में जन्मी रैना ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद UPSC की परीक्षा पास की और IAS अधिकारी बनीं. उनकी ये यात्रा हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं.

कौन हैं IAS रेना जमील?

रेना जमील का जन्म 25 दिसंबर 1988 को झारखंड के धनबाद जिले के छोटे से गांव छटाबाद में हुआ था. उनका बचपन आर्थिक तंगी में बीता. उनके पिता मोहम्मद जमील अंसारी टाटा स्टील प्लांट में मैकेनिकल फिटर के रूप में काम करते थे, जबकि उनकी मां नसीम आरा एक होम मेकर थीं, जिन्होंने सिर्फ 8वीं तक पढ़ाई की थी. संयोग से वही सरकारी स्कूल जहां उनकी मां ने पढ़ाई की थी, वहीं से रेना ने भी अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की.

रेना ने उर्दू-माध्यम के सरकारी स्कूल से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई की और तमाम आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद अपनी शिक्षा जारी रखी. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रेना ने फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू की. इसी दौरान उनके बड़े भाई ने उन्हें UPSC CSE की परीक्षा देने और IAS अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने 2014 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो सकीं. दूसरी बार में उन्होंने परीक्षा पास की, लेकिन उनकी ऑल इंडिया रैंक (AIR) 882 होने के कारण उन्हें भारतीय सूचना सेवा (IIS) कैडर मिला. हालांकि उन्होंने IAS बनने के अपने सपने को नहीं छोड़ा और दोबारा परीक्षा की तैयारी शुरू की.

तीसरे प्रयास में मिली असफलता, चौथे में पाया IAS का सपना

2017 में उन्होंने तीसरी बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाईं. इस असफलता से उन्होंने अपनी कमजोरियों पर काम करने का फैसला किया. साल 2018 में चौथे प्रयास में उन्होंने UPSC CSE परीक्षा 380वीं रैंक के साथ पास की और आखिरकार IAS अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया. सफलता के बाद साल 2019 में रेना जमील को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया. बाद में उन्हें उसी जिले में SDM के पद पर नियुक्त किया गया. दिलचस्प बात ये है कि रेना के पति रियाज अहमद भी 2019 बैच के IAS अधिकारी हैं.

मां का सपोर्ट बना सफलता की कुंजी

रेना जमील अक्सर बताती हैं कि उनकी मां ने उनकी सफलता में बहुत बड़ा योगदान दियाय. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, मेरी मां ने हमेशा हमें सिखाया कि चाहे उन्होंने खुद ज्यादा कुछ हासिल न किया हो, लेकिन हमें अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करना चाहिए. रेना के परिवार ने शिक्षा के माध्यम से अपनी तकदीर बदली. उनके बड़े भाई IRS अधिकारी हैं. छोटे भाई प्रसार भारती में इंजीनियर हैं, और उनकी छोटी बहन B.Ed. कर चुकी हैं और शिक्षिका बनने की राह पर हैं.

प्रेरणा बनी रेना जमील की कहानी

IAS रेना जमील की कहानी ये साबित करती है कि अगर मेहनत और संकल्प हो, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है. उनका सफर उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं.

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