कैंपस प्लेसमेंट में पिछड़ रहे हैं दिग्गज संस्थान, IIT रुड़की में अधिक गिरावट

आईआईटी, एनआईआईटी, ट्रिपल आईटी में कैंपस प्लेसमेंट में कमी आ रही है। संसदीय समिति ने शिक्षा मंत्रालय से इस संबंध में विचार करने के लिए कहा है;

Update: 2025-03-29 06:42 GMT

IIT Placement News: आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी में कैंपस प्लेसमेंट में गिरावट दर्ज की गई है। कुछ आईआईएम में भी प्लेसमेंट के आंकड़े घटते नजर आ रहे हैं। पुराने आईआईटी संस्थानों में पिछले तीन वर्षों में कैंपस प्लेसमेंट लगभग 10% तक कम हुआ है। यह खुलासा शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को रोजगार क्षमता बढ़ाने के उपायों पर काम करने की सिफारिश की गई है।

आईआईटी में प्लेसमेंट की स्थिति

संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, सभी 23 आईआईटी में 2021-22 से 2023-24 के बीच कैंपस प्लेसमेंट में गिरावट दर्ज की गई। समिति ने 2020-21 को इस मूल्यांकन में शामिल नहीं किया।आईआईटी रुड़की में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, जहां प्लेसमेंट दर 98.54% (2021-22) से घटकर 79.66% (2023-24) रह गई। यानी 18.88% की कमी।आईआईटी दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा, जहां प्लेसमेंट दर 14.88% घटी।

आईआईटी बॉम्बे तीसरे स्थान पर रहा, जहां प्लेसमेंट दर 96.11% (2021-22) से घटकर 83.39% (2023-24) हो गई, यानी 12.72% की कमी।समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से प्लेसमेंट में गिरावट देखी जा रही है।

आईआईटी बॉम्बे में वेतन पैकेज घटा

आईआईटी बॉम्बे ने सितंबर 2024 में जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीते शैक्षणिक सत्र में कम छात्रों को प्लेसमेंट मिला। सबसे न्यूनतम वेतन पैकेज घटकर सिर्फ 4 लाख रुपये प्रति वर्ष रह गया, जो चिंताजनक संकेत है।आईआईटी मद्रास में 12.42% की गिरावट।आईआईटी-बीएचयू में प्लेसमेंट 2021-22 की तुलना में सुधार हुआ, लेकिन 2023-24 में पिछले सत्र की तुलना में 7.58% की गिरावट।आईआईटी कानपुर में 11.15% की गिरावट।आईआईटी खड़गपुर में सबसे कम 2.8% की गिरावट।

नई पीढ़ी के आईआईटी भी प्रभावित

समिति की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी और तीसरी पीढ़ी के आईआईटी संस्थानों में भी 10% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।आईआईटी हैदराबाद में प्लेसमेंट दर 86.52% (2021-22) से घटकर 69.33% (2023-24) हो गई।आईआईटी मंडी में 14.1% की कमी।आईआईटी जम्मू में 21.83% की गिरावट, जो 2015-16 में स्थापित संस्थानों में सबसे अधिक है। रिपोर्ट में शिक्षा मंत्रालय को इस स्थिति से निपटने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने की सिफारिश की गई है ताकि छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाया जा सके।

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