Success Story: रैंप वॉक से लेकर डिप्लोमेसी तक कैसे बनीं Aishwarya Sheoran IFS ऑफिसर
मॉडलिंग के साथ IAS की तैयारी करना आसान नहीं था, लेकिन ऐश्वर्या शेओरान ने कर दिखाया.;
पूर्व मिस इंडिया साल 2016 की फाइनलिस्ट ऐश्वर्या शेओरान के लिए मॉडलिंग करियर को संभालते हुए IAS परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत, अनुशासन और समर्पण ने उन्हें UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता दिलाई. ग्लैमर वर्ल्ड में सफलता पाने के बाद भी ऐश्वर्या ने सिविल सर्विस में जाने का सपना नहीं छोड़ा. उन्होंने सिर्फ 10 महीने की सेल्फ-स्टडी के दम पर UPSC CSE 2019 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 93 हासिल कर ली. ये कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगन और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार करने को तैयार है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इसमें सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और समर्पण की आवश्यकता होती है. बहुत कम लोग इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा को पास कर पाते हैं और जो करते हैं. वो अपनी मेहनत और लगन से इतिहास रचते हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है ऐश्वर्या शेओरान की, जो एक मॉडल से इंडियन फॉरेन सर्विस (IFS) ऑफिसर बनीं. मिस इंडिया प्रतियोगिता की फाइनलिस्ट रह चुकी ऐश्वर्या ने मॉडलिंग छोड़कर अपने बचपन के सपने को पूरा किया और देश की सेवा के लिए सिविल सेवा में शामिल हुईं.
मॉडलिंग स्टार से सिविल सर्विस तक का सफर
ऐश्वर्या शेओरान राजस्थान में पली-बढ़ी हैं और उनके पिता कर्नल अजय कुमार 9वीं तेलंगाना एनसीसी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर हैं. पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रहीं ऐश्वर्या ने दिल्ली के संस्कृति स्कूल से 12वीं कक्षा में 97.5% अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की पढ़ाई की. इसी दौरान उन्होंने मॉडलिंग में साल 2014 में मिस क्लीन एंड क्लियर फ्रेश फेस का खिताब जीता. साल 2016 में उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में फाइनलिस्ट बनने का गौरव हासिल किया. हालांकि, ये खिताब रोश्मिता हरिमूर्ति ने जीता, लेकिन ऐश्वर्या के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि थी.
सिविल सर्विस के लिए मॉडलिंग को छोड़ा
मॉडलिंग में सफल होने के बावजूद ऐश्वर्या शेओरान ने अपने पिता की देश सेवा के जुनून से प्रेरित होकर सिविल सर्विस में जाने का फैसला किया. साल 2018 में उन्हें IIM इंदौर में प्रवेश मिला, लेकिन उन्होंने वहां दाखिला नहीं लिया और UPSC की तैयारी पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया. खास बात ये रही कि उन्होंने कोचिंग के बिना ही सेल्फ-स्टडी के दम पर सिर्फ 10 महीने की मेहनत में ये कठिन परीक्षा पास कर ली. उनका ऑल इंडिया रैंक (AIR) 93 रहा और पहली ही कोशिश में उन्होंने UPSC CSE को क्लियर कर लिया.
IAS या IPS नहीं, IFS को चुना
सफलता के बाद ऐश्वर्या ने IAS या IPS के बजाय IFS (Indian Foreign Service) को चुना और विदेश मंत्रालय में शामिल हो गईं. आज वो एक सीनियर IFS अधिकारी के रूप में भारत की अंतरराष्ट्रीय नीति और विदेश संबंधों को मजबूत करने में योगदान दे रही हैं.
प्रेरणा की मिसाल
ऐश्वर्या शेओरान की कहानी ये साबित करती है कि अगर इंसान में दृढ़ निश्चय और मेहनत करने का जज्बा हो तो वो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. उनकी ये यात्रा हर UPSC उम्मीदवार और युवा महिला के लिए एक प्रेरणा है कि सपनों को पूरा करने के लिए जोखिम उठाना और समर्पण सबसे जरूरी होता है.