Success Story: किसान के बेटे ने मिट्टी के घर से निकलकर तय किया IAS बनने तक का सफर

किसान के बेटे पवन कुमार ने भारी आर्थिक कठिनाइयों को पार करते हुए UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की और 239वीं रैंक प्राप्त की.;

Update: 2025-03-20 07:22 GMT

पवन कुमार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. एक किसान के बेटे के रूप में उन्होंने कठिन आर्थिक परिस्थितियों का सामना करते हुए UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 239वीं रैंक हासिल की थी. उनकी ये सफलता संघर्ष, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है. जो पूरे देश के UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है.

मिट्टी के घर से आईएएस बनने तक का सफर

पवन कुमार का बचपन बेहद कठिनाइयों में गुजरा. उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और वो एस्बेस्टस की छत वाले मिट्टी के घर में पले है. उनके पिता मुकेश कुमार एक मेहनती किसान थे. जिनकी इच्छा थी कि उनका बेटा एक स्थिर नौकरी पाकर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सके. लेकिन पवन के सपने इससे कहीं बड़े थे. वो समाज की सेवा करने के लिए IAS अधिकारी बनना चाहते थे.

शिक्षा के प्रति जुनून और संघर्ष

पवन ने बचपन से ही पढ़ाई में गहरी रुचि दिखाई. कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने हर अवसर का लाभ उठाया और हमेशा काफी अच्छा किया. आर्थिक परेशानियों के कारण कई बार उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. उनकी संघर्ष की असली परीक्षा तब शुरू हुई जब उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की. दो बार असफल होने के बावजूद उन्होंने धैर्य और दृढ़ निश्चय से तैयारी जारी रखी. उन्होंने सख्त अनुशासन के साथ पढ़ाई की सही मार्गदर्शन लिया और पूरे फोकस के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहे. आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने सफलता प्राप्त की.

सफलता की कुंजी

पवन कुमार की कहानी ये साबित करती है कि ज्ञान और मेहनत के दम पर कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है. उनका ये सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि ये हजारों युवाओं को ये विश्वास दिलाता है कि परिस्थितियां चाहे जितनी भी कठिन हों. अगर इरादे मजबूत हैं तो सफलता जरूर मिलेगी. आज एक IAS अधिकारी के रूप में पवन ईमानदारी, सेवा और नेतृत्व का प्रतीक हैं. उनकी कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष हमें मजबूत बनाता है और सच्ची सफलता मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से मिलती है.

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