Ijya Tiwari के घर में होती थी खाने की दिक्कत, पिता की मौत ने बनाया सरकारी अफसर
हर किसी को अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी परीक्षा का सामना करता पड़ता है. इज्या की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.;
अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत सी दिक्कतों और परेशानी को झेलना पड़ता है या यूं कहे किसी चीज को पाने के लिए अपनी किमती चीज को खोना पड़ता है. अपनी इस स्टोपी में हम आपके के लिए लेकर आए है ऐसी एक सक्सेस स्टोरी. जो अपनी मेहनत के दम पर अधिकार बनने वाली इज्या ने अपने पूरे परिवार को गर्व महसूस करवाया. उन्होंने अपने जीवन में हर कड़ी परीक्षा का सामना करने वाली और अपने पैरेंट्स का सपना पूरा करने वाली इज्या उन सभी लड़कियों के लिए मिसाल बन गई, जो छोटी- छोटी तफलीफों से जल्द ही हार मान लेती हैं.
लखनऊ की रहने वाली इज्या तिवारी पहली बार परिवहन विभाग की महिला अधिकारी बनी हैं. बचपने में ही उनके पिता का देहांत हो गया था. उस समय में सिर्फ 8वी क्लास में थी. पिता के इलाज में उनके घर की पूरी जमापूंजी खर्च हो गई थी. एक समय ऐसा आ गया था कि उनके घर पर खाना खाने के लाले पड़ गए थे. यहां तक की एक समय में वो किराए के घर में भी रहे थे. इज्या तिवारी ने अपने घर को चलाने के लिए घर में ट्यूशन पढ़ाना शुरु कर दिया था. इज्या तिवारी अपने घर में एक इकलौती संतान हैं.
इज्या ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि मैंने अपनी लाइफ में बहुत कुछ देखा. पिता की मौत के बाद उनके घर में बहुत कुछ बदल गया था. उनके जाने के बाद अपनो ने साथ छोड़ दिया. लेकिन मैंने कभी हार नही मानी. मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं हुआ करते थे तो मेरे गुरु ने मुझे फ्री में शिक्षा दी. कड़ी मेहनत करने के बाद मेरी बैंक में नौकरी लग गई थी. नौकरी करने के बाद में रात को घंटो पढ़ाई करती थी. 4 साल की लगातार मेहनत करने के बाद फिर मैंने उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में पहले ही प्रयास में सफलता हालिस की.