UPSC Success Story: मजदूरी करके घर चलाते थे मां-बाप, पैसे उधार लेकर बनीं आईएएस अधिकारी

आज हम बात करेंगे आईएएस श्रीधन्या सुरेश की, जिनकी कहानी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.

Update: 2024-09-04 08:53 GMT

UPSC Success Story Hindi: अगर आपने किसी चीज को पाने की ठान की या संकल्प ले लिया तो यकीन माने आपको उस चीज को पाने के लिए कोई नहीं रोक सकता है. अपनी कड़ी मेहनत के बदोलत हमारे आस-पास के कई लोगों ने अपने जीवन में सफलता प्राप्त की है. हर साल हम ये देखते हैं कि लाखों की संख्या में लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. इन्ही में से एक परीक्षा है यूपीएसएसी की तैयारी करना. इस परीक्षा को पास करने के लिए कई संख्या में लोग अपनी मेहमत के दम से साकार होते दिखाई देते हैं. लेकिन इस परीक्षा को पास करने के लिए कई संघर्ष करने पड़ते है.

अपनी इस स्टोरी में हम आपको आईएएस श्रीधन्या सुरेश की संघर्ष की कहानी बताने वाले हैं. श्रीधन्या सुरेश वायनाड जिले की रहने वाली है. श्रीधन्या के परिवार में माता-पिता और उनके तीन भाई-बहन हैं. श्रीधन्या सुरेश का परिवार पैसों की तंगी से जूझ रहा था. उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करके साथ ही बाजार में सामान बेच कर घर चलाते थे और उनकी मां भी मजदूरी करती थी.

श्रीधन्या सुरेश को पढाई-लिखाई का बहुत शौक था. ट जोसेफ कॉलेज से जूलॉजी में ग्रेजुएशन करके उन्होंने जनजाति विकास विभाग में क्लर्क के रूप में नौकरी करने लग गई थी. लेकिन उन्हें अपने जीवन में इससे से भी कुछ बड़ा करके दिखाना था. साल 2016 और 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी. दोनों साल में वो इस परीक्षा को पास न कर सकी. लेकिन उन्होंने यहां हिम्मत नहीं हारी. साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और वो 410वीं रैंक से पास हुई. फिर उसके बाद वो आईएएस बनीं. उन्होंने अपने पूरे परिवार का नाम रोशन किया.

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए उनके पास पैसे नहीं हुआ करते थे. उस वक्त उन्होंने अपने दोस्तों से पैसे इकट्ठा किए और एक बार फिर अपने सपनों को पूरा करने के लिए जूट गई. आपको बता दें, श्रीधन्या सुरेश केरल की पहली आदिवासी आईएएस हैं.

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