छात्रों से उनके मुद्दे जानने चाहे तो छात्रों ने बताया कि पिछले वर्ष तक एसएससी जो परीक्षा करवा रही थी, उसके वेंडर को इस बार बदल दिया गया है. इस नए बदलाव के बाद व्यवस्था में कई तरह की खामियां सामने आई हैं, जिसका सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है.
छात्रों ने जो कमियां समान रूप से बतायीं वो इस प्रकार है :-
परीक्षा से लगभग 15 से 24 घंटे पहले परीक्षा केंद्र की जानकारी दी जाती है. या भी चल जाए लेकिन केंद्र दूसरे राज्य में होता है, जो 500 किलोमीटर से 1000 किलोमीटर दूर या उससे भी ज्यादा हो सकता है. अब बताएं कि अभियर्थी कैसे कैसे करके परीक्षा केंद्र तक पहुँचता होगा.
तकनिकी खामियां - नए वेंडर के बाद से परीक्षा केंद्र पर तकनिकी खामियां भी देखने को मिल रही हैं, जैसे पुराने कंप्यूटर हैं. माउस ख़राब हैं. परीक्षा के बीच में स्क्रीन ऑफ हो जाती है. इन सब वजहों से जो समय बर्बाद होता है, उसे लेकर अभियार्थियों को अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता है.
परीक्षा केन्द्रों पर असुविधाएं - छात्रों ने दावा किया कि जब से नया वेंडर आया है तब से जो परीक्षा केंद्र है वहां पर असुविधाओं की भरमार रहती हैं. परीक्षा केंद्र दूर होने के साथ साथ ऐसे भी होते हैं, जहाँ बेसिक सुविधाओं की कमी रहती है. एक विडियो तो ऐसा सामने आया कि परीक्षा केंद्र पर कपड़े सूख रहे थे.
सेंट्रल पुलिस ऑफिसर के पद को लेकर अधर में अटके युवाओं का भविष्य - कुछ ऐसे छात्र भी मिले जो CPO( यानी सेंट्रल पुलिस ऑफिसर ) की मेन परीक्षा दे चुके हैं और अब उनका मेडिकल आदि सब अटक गया है. वजह है को क़ानूनी प्रक्रिया. इन छात्रों का कहना है कि क़ानूनी विवाद कुछ ही अभ्यर्थियों से जुड़ा हुआ है लेकिन परिणाम और प्रक्रिया सबकी रोक दी गयी है. अब हो ये रहा है की जो 25 साल की उम्र के हैं, वो इस बात को लेकर घबरा रहे हैं कि अगर समय रहते परिणाम घोषित नहीं होता या प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो फिर वो अन्य परीक्षाओं में शामिल होने से रह जायेंगे या फिर अटक सकते हैं. मेडिकल न होने से भी कई तरह की समस्या है. हमारी मांग यही है कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी की जाए.
44 प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में
सेंट्रल जिले के डीसीपी का कहना है कि रामलीला मैदान में लगभग 1500 प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे. प्रदर्शन के लिए शाम तक का समय था, लेकिन लगभग 100 प्रदर्शनकारियों ने वापस लौटने से मना कर दिया. उन्हें काफी समझाया गया कि अब समय समाप्त हो चुका है. इसके बाद 44 प्रदर्शनकारी ऐसे थे, जिन्हें हिरासत में ले लिया गया.