धर्मेंद्र–हेमा की वो प्रेम कहानी, जिसके हर अध्याय में है इश्क, जुनून और जिद…

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी कैसे शुरू हुई? शोले की शूटिंग, री-टेक्स, प्यार पाने की जुगतें और शादी के पीछे की अनसुनी दास्तान.

Update: 2025-11-25 09:29 GMT

बॉलीवुड की दुनिया में कई प्रेम कहानियां आईं और चली भी गईं, लेकिन कुछ किस्से ऐसे हैं जो समय बीतने पर भी दिल में उसी गर्माहट से बसते हैं. इन्हीं अमर प्रेम कहानियों में एक नाम है धर्मेंद्र और हेमा मालिनी. उनकी कहानी जितनी मशहूर है, उतनी ही दिलचस्प भी. हर बार जब कोई इस रिश्ते के बारे में पढ़ता है, उसे ऐसा महसूस होता है कि मानो कहानी का एक नया पन्ना खुल रहा हो. ये सिर्फ एक हीरो–हीरोइन की मोहब्बत नहीं थी, बल्कि जुनून, दुस्साहस, ईमानदार इमोशन्स, और बहुत सारे संघर्षों की कहानी भी थी.

धर्मेंद्र सुपरस्टार, हैंडसम हंक और प्यार में पागल

1970 के दशक में धर्मेंद्र सिर्फ सुपरस्टार नहीं थे, बल्कि हिंदी सिनेमा के सबसे हैंडसम हीरो माने जाते थे. देव आनंद की तरह ही उनके लिए भी करोड़ों लड़कियां दीवानी थीं. जया बच्चन ने तो उन्हें बॉलीवुड का ग्रीक गॉड कह दिया था. ऐसे में भला हेमा मालिनी भी उनसे कैसे अप्रभावित रहतीं? हेमा की नजरों में धर्मेंद्र एक ऐसे इंसान थे जिनमें सादगी, जिंदादिली, और एक अलग चमक थी.

हेमा मालिनी–ड्रीम गर्ल, सौंदर्य की प्रतिमा और हर सुपरस्टार की चाहत

हेमा मालिनी उस दौर की ड्रीम गर्ल थीं. उनकी खूबसूरती, मुस्कान, शालीनता और नृत्य-कला ने उन्हें करोड़ों दिलों की धड़कन बना दिया था. इसीलिए कई बड़े एक्टर्स संजीव कुमार, जीतेंद्र, गिरीश कर्नाड सभी उन्हें अपना जीवनसाथी बनाना चाहते थे. लेकिन नसीब तो वही पाता है, जो प्यार के लिए कुछ कर गुजरने की हिम्मत रखता है और ये हिम्मत धर्मेंद्र में थी.

शुरुआत: ‘तू हसीन मैं जवान’ ने खोला दिलों का दरवाजा

1970 में दोनों पहली बार तू हसीन मैं जवान में साथ आए. उस समय हेमा अपने करियर की शुरुआत कर रही थीं और धर्मेंद्र पहले से एक स्थापित स्टार थे. उनके बीच वही मीठी-सी झिझक वाली दोस्ती शुरू हुई. हेमा को धर्मेंद्र की जेंटल पर्सनालिटी पसंद आने लगी, जबकि धर्मेंद्र को हेमा की मासूम मुस्कान ने दीवाना बना दिया.

सीता और गीता के सेट पर पहली बार दबी आवाज़ में धड़का दिल

साल 1972 में आई सीता और गीता वो फिल्म थी जिसने उनके रिश्ते की नींव रखी. यहीं पर संजीव कुमार ने हेमा को शादी का प्रस्ताव दिया था, पर हेमा ने साफ़ इन. लेकिन दोनों के दिलों में प्यार की चिंगारी जल चुकी थी. बस किसी को पता नहीं था… खुद उन्हें भी नहीं. अब असली मज़ेदार किस्सा शुरू होता है. जब शोले की कास्टिंग हो रही थी, धर्मेंद्र पहले ठाकुर का रोल करना चाहते थे, लेकिन जब रमेश सिप्पी ने कहा कि ठाकुर बनोगे तो वीरू का रोल संजीव कुमार करेंगे. जो फिल्म में बसंती के साथ रोमांस करता है. बस! धर्मेंद्र ने सेकंडों में फैसला बदल दिया. नहीं, मैं वीरू बनूंगा! क्यों? क्योंकि उन्हें हेमा के करीब रहना था. रोल कोई भी हो, बस बसंती के पास रहना ज़रूरी था.

अब आती है सबसे मजेदार कहानी री-टेक वाली ‘रणनीति’

शोले की शूटिंग ढाई साल चली. जब भी धर्मेंद्र और हेमा का रोमांटिक सीन आता. धर्मेंद्र जानबूझकर गलती कर देते थे. कभी डायलॉग गलत, कभी एक्सप्रेशन ओवर और कभी मूवमेंट उल्टा. डायरेक्टर मजबूर होकर बोलते, री-टेक और धर्मेंद्र मन ही मन मुस्कराते थे. एक री-टेक मतलब हेमा के साथ एक मिनट और

स्पॉट बॉयज़ को पैसे देकर करवाते थे ‘गलतियां’

ये हिस्सा तो सबसे फिल्मी है. अनुपमा चोपड़ा की किताब शोले द मेकिंग ऑफ अ क्लासिक में ये किस्सा विस्तार से लिखा है, धर्मेंद्र ने स्पॉट बॉयज, लाइटमैन, और यूनिट के छोटे सदस्यों को पैसे दिए थे, ताकि वो जानबूझकर छोटी-छोटी गलतियां करें. लाइट सही न लगे… साउंड में नॉइज आ जाए… रिकॉर्डर रुक जाए… और डायरेक्टर को कहना पड़े री-टेक! कहते हैं कि शोले के दौरान धर्मेंद्र ने जितने पैसे कमाए, लगभग उतने ही प्यार पाने के लिए री-टेक्स में खर्च कर दिए.

कितनी प्यारी दीवानगी थी ये!

दूसरी तरफ फिर संजीव कुमार ने शादी का प्रस्ताव रखा. शूटिंग के दौरान एक बार संजीव कुमार ने फिर हेमा से शादी का प्रस्ताव रखा. हेमा ने मना कर दिया और इस बार धर्मेंद्र भी नाराज हो गए. उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि शोले में दोनों को साथ कोई खास सीन न मिले. धीरे-धीरे वीरू और बसंती की रील जोड़ी, रियल जिंदगी में सच बनने लगी.

अब आता है सबसे बड़ा ट्विस्ट

हेमा और जितेंद्र की शादी लगभग तय हो गई थी. दोनों बैंगलुरु के एक होटल में शादी करने पहुंचे भी थे, लेकिन जैसे ही ये खबर धर्मेंद्र तक पहुंची. उन्होंने जितेंद्र की पत्नी शोभा कपूर को साथ लिया और दोनों बैंगलुरु पहुंच गए. होटल में शादी शुरू होने ही वाली थी कि धर्मेंद्र और शोभा पहुंचे. सबको सच पता चला जितेंद्र पहले से शादीशुदा थे और एक पल में शादी रुक गई. धर्मेंद्र ने हेमा को खोने नहीं दिया. चाहे इसके लिए उन्हें कितना भी जोखिम उठाना पड़े.

शादी बिना तलाक लिए भी निभाया रिश्ता

धर्मेंद्र ने कभी अपनी पहली पत्नी प्रकाश कौर को तलाक नहीं दिया. पर उन्होंने हेमा और उनके परिवार को साफ़-साफ़ सब बताया. हेमा ने भी रिश्ता स्वीकार किया और दोनों ने शादी कर ली. सबके विरोध के बावजूद चमत्कार ये है कि 45 साल की शादी में कभी कोई स्कैंडल, झगड़ा या विवाद सामने नहीं आया. धर्मेंद्र पहले परिवार से भी जुड़े रहे और हेमा ने कभी शिकायत नहीं की. ये रिश्ता जितना अनोखा था, उतना ही मजबूत भी.

एक ऐसी प्रेम कहानी जो सदियों तक मिसाल रहेगी. धर्मेंद्र–हेमा की प्रेम कहानी सिखाती है. प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं, बल्कि निभाने का भी है. रिश्ते में ईमानदारी और साहस दोनों जरूरी हैं. जिंदगी में कभी-कभी दिल की सुननी पड़ती है, दुनिया की नहीं और सबसे बड़ा सबक अगर इश्क सच्चा हो तो जुगाड़ नहीं, जिद भी चलती है. ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं. इसमें रोमांस है, कॉमेडी है, ड्रामा है, टर्निंग पॉइंट्स हैं, ट्विस्ट हैं और आखिर में एक खूबसूरत सुखांत.

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