Zubeen Garg को नम आंखों से विदाई: गुवाहाटी की सड़कों पर उमड़ी लाखों की भीड़, बना विश्व रिकॉर्ड

गायक जुबीन गर्ग का गुवाहाटी में अंतिम संस्कार हुआ. लाखों की भीड़ उमड़ी और ये अंतिम यात्रा दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सभा बनी.

Update: 2025-09-23 11:05 GMT

भारत के मशहूर गायक और असम के संगीत सितारे जुबीन गर्ग अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनकी जादुई आवाज ने करोड़ों दिलों को छुआ और जब उनकी अंतिम यात्रा निकली, तो उस नजारे ने इतिहास बना दिया. गुवाहाटी की सड़कों पर लाखों लोग अपने चहेते गायक को आखिरी बार देखने के लिए उमड़ पड़े.

अचानक हुई मौत से सदमे में फैंस

19 सितंबर को जुबीन गर्ग का निधन हो गया. वो नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिए सिंगापुर गए थे. वहीं स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी जान चली गई. इस खबर ने पूरे देश खासकर असम को गहरे सदमे में डाल दिया. हर किसी के लिए यकीन करना मुश्किल था कि या अली, दिल तू ही बता जैसे अमर गीत देने वाली आवाज अब हमेशा के लिए खामोश हो गई है.

गुवाहाटी में अंतिम संस्कार

23 सितंबर को उनका अंतिम संस्कार गुवाहाटी के अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ. इस दौरान हर तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आई. हजारों-लाखों लोग अपने रॉकस्टार को आखिरी बार देखने आए थे. जुबीन का पार्थिव शरीर कांच के ताबूत में रखा गया था, जिस पर असम की पारंपरिक गामोसा लिपटी हुई थी. लोग रातभर कतारों में खड़े रहे ताकि वो अपने चहेते सितारे की झलक पा सकें. उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन दिल में जुबीन के लिए सम्मान और प्यार.

भीड़ ने बनाया रिकॉर्ड

गुवाहाटी की सड़कों पर उमड़ी भीड़ इतनी बड़ी थी कि इसका नाम इतिहास में दर्ज हो गया. लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सार्वजनिक अंतिम यात्रा माना है. इस सूची में अब जुबीन गर्ग का नाम माइकल जैक्सन, पोप फ्रांसिस और क्वीन एलिजाबेथ. जैसे दिग्गजों के साथ जुड़ गया है. ये सम्मान बताता है कि जुबीन गर्ग सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि लोगों के दिलों की धड़कन थे.

असम में मातम

पूरे असम में शोक का माहौल छा गया. राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मशहूर गायक पापोन, और भूटान के राजा के प्रतिनिधि ने भी अंतिम संस्कार में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी. जब जुबीन का पार्थिव शरीर गुवाहाटी लाया गया, तो सैकड़ों लोग कांच के ताबूत में उन्हें देखकर रो पड़े. उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग अपने पति को देखकर फूट-फूट कर रोईं. ये पल वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर गया.

संगीत की विरासत

जुबीन गर्ग को किंग ऑफ हमिंग भी कहा जाता था. उन्होंने न सिर्फ असमिया संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी आवाज से लोगों को दीवाना बनाया. उनके गाए गाने या अली (गंगस्टर), दिल तू ही बता (क्रूक) और कौन मेरा (स्पेशल 26) आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं. उनकी गायकी में एक ऐसा जादू था, जिसने सीमाओं को पार करके हर भाषा, हर संस्कृति के लोगों को जोड़ दिया.

अमर रहेंगे जुबीन

जुबीन गर्ग अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी धुनें और उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी. असम और भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. लोगों ने लिखा, जुबीन सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि एक इमोशन थे. वहीं कुछ फैंस ने कहा उनकी आवाज कभी नहीं मर सकती, वो हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे. गुवाहाटी में जुबीन गर्ग की अंतिम यात्रा ने ये साबित कर दिया कि सच्चे कलाकार कभी मरते नहीं. लाखों लोगों की भीड़, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक अंतिम संस्कार और हर आंख में आंसू ये सब बताता है कि जुबीन गर्ग कितने बड़े कलाकार थे. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और उनका संगीत हमेशा लोगों के दिलों में गूंजता रहेगा. जुबीन गर्ग इतिहास में हमेशा जादुई आवाज के बादशाह के रूप में याद किए जाएंगे.

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