बिहार में पहला चरण पूरा, अब 12 राज्यों में मतदाता सूची सुधार यानी SIR 2
हर बूथ पर BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाएंगे, ऑनलाइन विकल्प भी उपलब्ध। आयोग का लक्ष्य कोई योग्य मतदाता छूटे नहीं, कोई अपात्र नाम शामिल न हो।
By : The Federal
Update: 2025-10-27 11:54 GMT
SIR Part 2 : भारत के निर्वाचन आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची का विशेष व्यापक पुनरीक्षण शुरू किया है। यह अभियान देशभर में मतदाता सूचियों की सटीकता सुनिश्चित करने और मृत, स्थानांतरित या दोहरी प्रविष्टियों को हटाने के लिए शुरू किया गया है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पहला चरण बिहार में सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, जहाँ एक भी अपील नहीं आई। अब दूसरा चरण 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जा रहा है।
21 साल बाद फिर हो रहा है विशेष पुनरीक्षण
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार आख़िरी बार SIR 2002 - 2004 के बीच आयोजित किया गया था। उसके बाद से देश में जनसंख्या, प्रवास और शहरीकरण में बड़े बदलाव आए हैं। इससे मतदाता सूची में कई त्रुटियाँ आयीं हैं जैसे :-
मृत मतदाताओं के नाम हटाए नहीं गए,
एक व्यक्ति के नाम कई जगह दर्ज हो गए,
कुछ विदेशी नागरिक या अपात्र लोग गलती से शामिल हो गए।
ऐसे में आयोग ने कहा है कि सटीक मतदाता सूची लोकतंत्र की बुनियाद है, इसलिए यह पुनरीक्षण अत्यावश्यक है।
इन 12 राज्यों / केंद्र शाषित राज्यों में शुरू होगा SIR 2
अंडमान एंड निकोबार
छत्तीसगढ
गोवा
गुजरात
केरल
लक्षद्वीप
मध्य प्रदेश
पुदुचेरी
राजस्थान
तमिलनाडु
उतार प्रदेश
पश्चिम बंगाल
मतदाता बनने की पात्रता
भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार
व्यक्ति भारतीय नागरिक होना चाहिए,
उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए,
वह जिस निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण कराना चाहता है, वहाँ सामान्य रूप से निवास करता हो,
और किसी कानून के तहत अयोग्य घोषित न हुआ हो।
कैसे होगा यह विशेष पुनरीक्षण
हर मतदान केंद्र पर लगभग 1,000 मतदाता हैं, जिनकी जिम्मेदारी एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) नियुक्त होगा, जो ड्राफ्ट रोल तैयार करेगा, आपत्तियाँ सुनेगा और अंतिम सूची प्रकाशित करेगा।
27 अक्टूबर से प्रत्येक मतदाता के लिए एक यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) जारी किया जाएगा।
यह फॉर्म मौजूदा मतदाता सूची की जानकारी पहले से भरा हुआ (partially pre-filled) होगा।
BLO घर-घर जाकर ये फॉर्म वितरित करेंगे और मतदाताओं की मदद करेंगे।
हर BLO कम से कम तीन बार प्रत्येक घर का दौरा करेगा।
मतदाता चाहें तो यह फॉर्म ऑनलाइन भी भर सकते हैं — विशेष रूप से शहरी या अस्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता।
पुराने रिकॉर्ड से जोड़ा जाएगा नया डेटा
BLO मतदाताओं के नाम या उनके रिश्तेदारों के नाम को 2002-2004 की आख़िरी SIR सूची से मिलाएँगे।
इसके लिए वे चुनाव आयोग की ऑल इंडिया ऑनलाइन डेटाबेस ([https://voters.eci.gov.in/](https://voters.eci.gov.in/)) का उपयोग कर सकेंगे।
नए मतदाताओं के लिए फॉर्म 6 और घोषणा पत्र (Declaration Form) भरना अनिवार्य होगा।
मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के लिए फॉर्म 7, और पता या विवरण सुधार के लिए फॉर्म 8 भरा जाएगा।
राजनीतिक दलों की भूमिका
आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से भी सहयोग मांगा है।
प्रत्येक पार्टी अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करेगी।
ये एजेंट मतदाताओं से फॉर्म एकत्र कर BLO को सौंप सकते हैं।
एक एजेंट एक दिन में अधिकतम 50 फॉर्म प्रमाणित कर सकता है।
राजनीतिक दलों से परामर्श लेकर मतदान केंद्रों का पुनर्गठन (rationalisation) भी किया जाएगा ताकि एक केंद्र पर 1,200 से अधिक मतदाता न हों।
मतदाता सूची की प्रक्रिया
1. प्रारंभिक चरण (Pre-enumeration) — BLO, ERO और जिला चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण, पुराने रिकॉर्ड से मिलान।
2. एन्यूमरेशन चरण (Enumeration) — घर-घर जाकर फॉर्म भरवाना, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान।
3. ड्राफ्ट सूची का प्रकाशन — जिन मतदाताओं के फॉर्म प्राप्त हुए हैं, उनके नाम शामिल किए जाएँगे।
4. दावे और आपत्तियाँ — जिनके नाम नहीं जुड़ पाए, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा।
5. सुनवाई और अंतिम सूची — ERO/ AERO निर्णय लेंगे, DM प्रथम अपील और CEO द्वितीय अपील सुनेंगे।
कमजोर वर्गों के लिए विशेष ध्यान
आयोग ने निर्देश दिया है कि “किसी भी योग्य मतदाता को सूची से बाहर न रखा जाए और किसी अपात्र व्यक्ति को शामिल न किया जाए।”
इसके साथ ही बूथ स्तर पर स्वयंसेवक (volunteers) भी तैनात किए जाएँगे, ताकि वृद्ध, दिव्यांग, बीमार और वंचित मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें पूरी सहायता मिले।
अंतिम चरण और उद्देश्य
SIR का उद्देश्य है कि देश की मतदाता सूची पूरी तरह से अद्यतन, त्रुटिरहित और पारदर्शी हो, “सही मतदाता सूची, सशक्त लोकतंत्र की पहली शर्त है,” आयोग ने कहा। अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद यह प्रक्रिया देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दोहराई जाएगी।