'आकाशतीर': भारत की नई एयर डिफेंस ढाल, पाकिस्तान की हर चाल की नाकाम
India Indigenous Air Defense: 'आकाशतीर' न सिर्फ भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, बल्कि यह 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा कदम भी है. यह दिखाता है कि अब भारत दुश्मनों की किसी भी चाल का तकनीकी और ताकतवर जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है.;
Akashtir Air Defense System: 9-10 मई की रात पाकिस्तान ने भारत पर एक बड़ा और योजनाबद्ध मिसाइल और ड्रोन हमला किया. इस हमले का निशाना हमारी सेना और आम लोगों का बुनियादी ढांचा था. लेकिन भारत ने इस हमले का करारा जवाब दिया और वह भी एक नई और चुपचाप काम करने वाली तकनीक से, जिसका नाम है ‘आकाशतीर’.
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 'आकाशतीर' एक पूरी तरह स्वदेशी और ऑटोमैटिक वायु रक्षा प्रणाली है. इसने दुश्मन के हमले की सटीक पहचान की, उसकी निगरानी की और समय रहते उसे नाकाम कर दिया. मंत्रालय ने इसे आधुनिक युद्ध के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया.
On the night of May 9th and 10th, as Pakistan launched a massive and coordinated missile and drone attack targeting Indian military and civilian infrastructure, India unveiled the silent force that turned the tide—Akashteer. This fully indigenous, automated Air Defence Control… pic.twitter.com/iM3wiUSHZi
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) May 16, 2025
क्या है ‘आकाशतीर’?
‘आकाशतीर’ एक एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम है, जिसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने पूरी तरह देश में ही विकसित किया है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया है और यह बिना इंसानी मदद के खुद ही निर्णय लेकर कार्रवाई कर सकता है. इस प्रणाली में कई रडार, सेंसर और संचार सिस्टम जुड़े होते हैं, जो एक मोबाइल कमांड नेटवर्क के जरिए काम करते हैं. यह सिस्टम भारत की थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों में समान रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है.
कैसे किया काम?
पाकिस्तान के हमले के दौरान 'आकाशतीर' ने दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल, UAV और भटकते बम (Loitering Munitions) को समय रहते पहचान लिया और उन्हें रोक दिया. यह पूरी कार्रवाई बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के स्वचालित तरीके से हुई. इसने साबित किया कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में ग्लोबल लेवल की तकनीक विकसित कर चुका है.
कब और कैसे बना ‘आकाशतीर’?
भारत सरकार ने मार्च 2023 में BEL के साथ ₹1,982 करोड़ रुपये का एक बड़ा करार किया था, जिसके तहत यह प्रणाली बनाई गई. इस सिस्टम को युद्ध क्षेत्र में तैनात वायु रक्षा इकाइयों, रडार और कमांड सेंटर्स से जोड़ा गया है. इससे दुश्मन के हवाई खतरे पर 24x7 नजर रखी जा सकती है और समय पर कार्रवाई की जा सकती है.