वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव का BJP पर वार, कहा - ये राष्ट्रवादी नहीं, राष्ट्रविवादी लोग हैं

अखिलेश ने कहा, जिस वंदे मातरम ने आजादी के आंदोलन में सबको जोड़ा. आज के दरारवादी लोग उसी से देश को तोड़ना चाहते हैं. ऐसे लोगों ने पहले भी देश के साथ दगा किया और आज भी कर रहे हैं.

Update: 2025-12-08 10:29 GMT
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि, सत्ता पक्ष हर चीज पर कब्जा करना चाहता है. उन्होंने कहा, ये लोग हर बात का श्रेय लेने चाहते हैं. जो महापुरुष इनके नहीं हैं, ये उन्हें भी कब्जाने की कोशिश करते हैं. इनकी बातों से लगता है कि वंदे मातरम् इन्हीं का बनवाया हुआ गीत है. लोकसभा में वंदे मातरम् के 150वीं वर्षगांठ पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ये राष्ट्रवादी नहीं, राष्ट्रविवादी लोग हैं, जो हर चीज को हड़पना चाहते हैं'.

अखिलेश यादव ने कहा, वंदे मातरम के 150वें वर्ष के बाद हम लोग इस सदन में याद कर रहे हैं. हम बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी को भी याद करें जिन्होंने इतना शानदार गीत राष्ट्र को दिया है और जिस गीत ने लाखों लोगों को जागरूक किया. अखिलेश यादव बोले, जिस समय कोलकाता के कांग्रेस के अधिवेशन में रवींद्र नाथ टैगोर ने गीत गाया उसके बाद इस गाने की लोकप्रियता आम लोगों के बीच पहुंच गई और जब कभी भी लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ना होता था तो यही वंदे मातरम का नारा देकर के लोगों को जोड़ने का काम करते थे. उन्होंने कहा, हमारा कोई भी आंदोलन रहा हो स्वदेशी आंदोलन रहा हो उसमें भी हम लोग इसी नारे के साथ चले. वंदे मातरम को लेकर के हम लोग इतना देश को एक एकजुट कर दिए कि अंग्रेज घबराने लगे. और जब अंग्रेज घबराने लगे तो जहां कहीं भी वह देखते थे कि यह नारा लग रहा है वहां पर देशद्रोही का कानून लगाकर लोगों को जेल भेज देते हैं.

उन्होंने कहा, यह भी इतिहास में दर्ज है है कि जिस समय बंगाल में बच्चों ने गाना गाया इस गीत को अपने क्लासरूम में गाया उस समय भी अंग्रेजों ने उनके खिलाफ मुकदमा लगाकर उन्हें जेल भेजने का काम किया. यह वंदे मातरम अंग्रेजों ने बैन भी कर दिया. और बैन के बाद भी लोग माने नहीं और वंदे मातरम को हमेशा उन्होंने अपने दिल और दिमाग में रखा और जनता के बीच में इस आंदोलन को आगे बढ़ाते रहे.

अखिलेश ने कहा, जिस वंदे मातरम ने आजादी के आंदोलन में सबको जोड़ा. आज के दरारवादी लोग उसी से देश को तोड़ना चाहते हैं. ऐसे लोगों ने हले भी देश के साथ दगा किया और आज भी कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग ही नहीं लिया है वो वंदे मातरम का महत्व क्या जानेंगे? सच तो यह है कि सरफरोज़ लोग वंदे मातरम् दिल से बोलते थे. उन आजादी के दीवानों के खिलाफ कुछ लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी और मुखबरी का भी काम करते थे. उन्होंने कहा, जैसे अंग्रेजों ने डिवाइड एँड रूल को अपनाया आज भी वही रास्ता कुछ लोग अपना रहे हैं. अखिलेश ने बीजेपी संघ पर चोट करते हुए कहा, उन मुखबरों से यह सवाल पूछा जाए कि स्वतंत्रता के बाद भी उन्होंने अपना गीत क्यों नहीं माना ? उनकी एक रंगी सोच ने तिरंगा क्यों नहीं फहराया? 

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