सीमा पार आतंक पर एकजुट भारत, ओवैसी बोले– अब और नहीं

बहरीन के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में, AIMIMसांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद का स्रोत है।;

Update: 2025-05-25 08:43 GMT
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत के चल रहे संघर्ष के बारे में जानकारी देना है।

बहरीन दौरे पर गए भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को नाकाम देश  करार देते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है। यह प्रतिनिधिमंडल भारतीय जनता पार्टी के सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों की जानकारी देने के उद्देश्य से भेजा गया है। उस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी।

बहरीन में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में ओवैसी ने कहा, "हमारी सरकार ने हमें यहां भेजा है ताकि दुनिया यह जान सके कि भारत पिछले कई वर्षों से किस तरह के खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्यवश हमने कई निर्दोष नागरिकों को खोया है। यह समस्या केवल पाकिस्तान से ही उत्पन्न होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करेगा, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत की वायु सुरक्षा प्रणाली ने सीमा पार से आने वाले खतरों को प्रभावी ढंग से रोका और नष्ट किया है। हमारी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान अगली बार ऐसी कोई दुस्साहसिक हरकत करता है, तो जवाब पहले से कहीं अधिक कड़ा होगा।

ओवैसी ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के लिए सहयोग की अपील की और बहरीन से अनुरोध किया कि वह पाकिस्तान को फिर से FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट में डालने के भारत के प्रयासों का समर्थन करे।इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में ओवैसी के अलावा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम सिंह संधू, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के सांसद गुलाम नबी आज़ाद और भारत के वरिष्ठ राजनयिक हर्ष श्रृंगला भी शामिल हैं।

ओवैसी ने कहा, हमारी राजनीतिक विचारधाराएं चाहे अलग हों, लेकिन जब बात देश की एकता और संप्रभुता की आती है, तो पूरा भारत एकजुट खड़ा होता है। अब समय आ गया है कि हमारा पड़ोसी देश इसे समझे।यह दौरा भारत की विदेश नीति में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जहां आतंकी हमलों के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए भारत ने विश्व समुदाय को खुलकर पाकिस्तान की भूमिका से अवगत कराने का निर्णय लिया है।

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