व्यापक विरोध के दबाव में झुका सिलचर मेडिकल कॉलेज प्रशासन वापस ली ‘महिला विरोधी’ एडवाइजरी
महिला डॉक्टरों और छात्राओं से कहा गया है कि वे अकेले रहने से बचें और लोगों के साथ “विनम्रतापूर्वक बातचीत करें” ताकि “बेईमान लोगों का अनावश्यक ध्यान आकर्षित न हो”
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-08-14 08:55 GMT
Controversial Advisory By Silchar Medical College: पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के बाद असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गयी एक एडवाइजरी को लेकर शुरू हुआ विवाद शायद थम जाए. देश भर में हुए विवाद के बाद सिलचर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अब इस एडवाइजरी को वापस ले लिया है. इस एडवाइजरी को लेकर न केवल मेडिकल कॉलेज को व्यापक स्तर पर "महिला विरोधी" बताया गया था बल्कि भारी विरोध भी झेलना पड़ा था.
मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी में महिला डॉक्टरों और छात्राओं से अकेले न रहने और लोगों से “विनम्रतापूर्वक बातचीत” करने की सलाह दी गयी थी, ताकि “बेईमान लोगों का अनावश्यक ध्यान आकर्षित न हो.” बुधवार (14 अगस्त) को अस्पताल ने अपनी इस एडवाइजरी को रद्द कर दिया है और कहा है कि जल्द ही नई एडवाइजरी जारी की जाएगी.
इसलिए हुआ था विवाद
मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी में कहा गया है, "महिला डॉक्टरों, छात्रों और कर्मचारियों को आम तौर पर अलग-थलग, कम रोशनी या अँधेरे वाली जगहों और कम आबादी वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए. महिला डॉक्टरों, छात्रों और कर्मचारियों को, जहाँ तक संभव हो, उन स्थितियों से बचना चाहिए जहाँ वे अकेले हों." इसमें ये भी कहा गया था कि महिला छात्रों को रात के समय अपने छात्रावासों या अन्य आवासों को छोड़ने से बचना चाहिए, जब तक कि बहुत ज़रूरी न हो, और उन्हें बाहर निकलने से पहले अधिकारियों को सूचित करना चाहिए.
"देर से या विषम घंटों के दौरान परिसर से बाहर जाने से बचें. सभी छात्रावास की सीमाओं को संस्थान और प्रशासन द्वारा निर्धारित छात्रावास मानदंडों और विनियमों का पालन करना चाहिए. सावधान रहें और ऐसे व्यक्तियों से जुड़ने से बचें जो अनजान या संदिग्ध प्रकृति के हों," सलाह में कहा गया है. इसमें ये भी कहा गया है कि महिला डॉक्टरों और छात्रों को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आपातकालीन संपर्क कर सकें.
व्यवहार संबंधी सलाह
इसमें महिला डॉक्टरों और छात्राओं के लिए व्यवहार संबंधी सलाह भी दी गई थी. सलाह में कहा गया था, "जब आप ड्यूटी पर हों तो आपको भावनात्मक रूप से शांत रहना चाहिए, आस-पास के माहौल को लेकर सतर्क रहना चाहिए और लोगों से शालीनता से पेश आना चाहिए, ताकि आप गलत लोगों का अनावश्यक ध्यान अपनी ओर न खींच पाएं."
इसमें छात्राओं और डॉक्टरों से ये भी कहा गया कि वे उत्पीड़न या रैगिंग की किसी भी शिकायत को तुरंत आंतरिक समितियों को बताएं. कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस सलाह की निंदा करते हुए कहा कि ये “बहुत ही प्रतिगामी, स्त्री-द्वेषी...और सभी महिला डॉक्टरों के लिए बहुत अपमानजनक है”.
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने रखी मांगें
मेडिकल कॉलेज की इस एडवाइजरी को लेकर छात्रों के बीच भारी रोष देखने को मिला. छात्र इस सलाह से बहुत नाराज़ हुए, कई छात्रों का कहना है कि अधिकारियों को उन्हें अपने कमरों में रहने के लिए कहने और क्या करना है और क्या नहीं, ये बताने के बजाय परिसर में सुरक्षा कड़ी करनी चाहिए. कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सलाह की निंदा करते हुए कहा कि ये “बहुत ही प्रतिगामी, कुछ हद तक महिला विरोधी और सभी महिला डॉक्टरों के लिए बहुत अपमानजनक” है और कहा कि ये भाषा परेशान करने वाली थी.
इसके बजाय एसोसिएशन ने परिसर में अधिक सीसीटीवी कैमरे, उचित रोशनी और डॉक्टरों के कमरों की कड़ी सुरक्षा की मांग की है. कथित तौर पर इसने अधिकारियों को अपनी मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटे का समय दिया था, अन्यथा विरोध प्रदर्शन की धमकी दी थी.
सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया कि एडवाइजरी में महिलाओं से “अच्छा व्यवहार” करने को कहा गया है और इसका मतलब है कि उनके खिलाफ़ यौन हिंसा के लिए वे ही ज़िम्मेदार हैं. एक यूजर ने कहा, “एडवाइजरी पुरुषों के लिए होनी चाहिए, महिलाओं के लिए नहीं.”